गोपेश्वर: प्रख्यात पर्यावरणविद् चंडी प्रसाद भट्ट ने पर्यावरण संरक्षण के लिए सामुहिक प्रयास की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा पर्यावरणीय असंतुलन के चलते पूरी दुनिया त्रस्त है। तथाकथित विकास के नाम पर संसाधनों का अविवेकपूर्ण ढंगसे अंधाधूंध दोहन हो रहा है, जिसके चलते धरती पर जीवन खतरे में पड़ गया है। उन्होंने कहा कि एक ओर प्राकृतिक आपदाओं की मार बढ़ती जा रही है। मौसमीय बदलाव के कारण आजीविका खासकर खेतीबाड़ी पर निर्भर परिवारों के उपर संकट बढ़ गया है। समाज के सबसे ग़रीब व्यक्ति की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। उन्होंने कहा कि बुनियादी सुविधाओं हर किसी के लिए मिलनी चाहिए। इसके साथ ही पर्यावरण सुचिता का ध्यान भी रखा जाना चाहिए।
भट्ट यहां से 17 किलोमीटर दूर बछेर गांव में वन एवं पर्यावरण संबर्धन शिविर में शामिल लोगों को संबोधित करते हुए यह बात कही।
मनोज तिवारी की अध्यक्षता में सम्पन्न बैठक में गांव की महिलाओं, वन पंचायत सरपंचों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।
बैठक को संबोधित करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता मंगला कोठियाल ने जंगल की आग, वन पंचायत सरपंच बचना सिंह रावत ने प्लास्टिक प्रदुषण के ख़तरों पर ध्यान आकृषित किया और कहा कि समस्या के निराकरण हम अपने प्रयासों से कर सकते हैं।
बैठक में बलबीर सिंह रावत, सतेंद्र नेगी, प्रमिला देवी और अध्यक्षा गीता रावत ने पर्यावरण असुंतलन के कारणों पर विस्तार से जानकारी दी।
गोपेश्वर नगर को हरा भरा करने में सक्रिय मनोज तिवारी ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में पर्यावरणीय संकट पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने विचार के साथ उसे कार्यरुप देने की आवश्यकता बतायी और कहा कि छोटे छोटे प्रयासों से ही बड़े काम शुरु होते हैं।
संचालन विनय सेमवाल ने किया।
इससे पूर्व पोखरी तहसील के गुणम गांव में भी पर्यावरण शिविर सम्पन्न हुआ।