चमोलीः जिला योजना समिति की बैठक में राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति को लेंकर कांग्रेस समर्थित डीपीसी सदस्यों ने आपत्ति दर्ज करते हुए जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में जमकर हंगामा काटा, जनपद चमोली के लिए 2024-25 की जिलायोजना की बैठक आहूत की गई बैठक में प्रभारी मंत्री डा धनसिंह रावत की मौजूदगी में हुई, जिला योजना की बैठक में विकास सम्बन्धी योजनाओं के लिए विभिन्न विभागों को 74करोड रूपये के प्रस्ताओं पर अनुमोद हुआ, बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष कर्णप्रयाग विधायक अनिल नौटियाल, थराली विधायक भोपाल राम टमटा, बदरीनाथ विधायक लखपत बुटोला जिला योजना समिति के सदस्यो के साथ भाजपा के कार्यकर्ता एवं जिलाध्यक्ष मौजूद रहे। इस दौरान कांग्रेस समर्थित जिला योजना समिति के सदस्यों ने प्रभारी मंत्री के सामने बैठक शुरू होने से पहले राजनीतिक दलों के पदाधिकारियों की मौजूदगी पर आपत्ति दर्ज की और बैठक का बहिष्कार करते हुए कार्यायल परिसर के सामने धरने पर बैठकर प्रभारी मंत्री और जिला प्रशासन के खिलाप जमकर नारेबाजी की। इस दौरान धन सिंह रावत ने नाराज सदस्यों से वार्ता के लिए प्रशासन की टीम को भेजा लेकिन उन्हें कोई सफलता नहीं मिला। इस दौरान बडी संख्या में कांग्रेस संगठन के पदाधिकारी एंव कार्यकर्ता भी धरना स्थल पर पहुंचे।वहीं कांग्रेस समर्थित जिलायोजना समिति के सदस्य लक्षमण बिष्ट ने बताया कि जिलायोजना सतिति की बैठक जनपद के विकास के लिए वर्ष भर में होने वाली सबसे महत्वपूर्ण बैठक होती है लेकिन इस बैठक के सदम में जिला योजना समिति के सदस्य विभागाध्यक्षों प्रशासनिक सिस्टम के अलावा किसी अन्य का शामिल होना नियम संगत नहीं हैं। उन्होने यह भी कहा कि अगर राजनीतिक दलों के अध्यक्ष सदन में बैठ सकते है। तो सभी राजीतिक दलों के अध्यक्ष को बैठक में शामिल होने के लिए बुलाया जाना चाहिए, उन्होने आरोप लगाया कि राजनीतिक दलों के पदाधिकारियों की बैठक में मौजूदगी विकास कार्यों को प्रभावित करती हैं
इस पूरे प्रकरण में जहंा कांग्रेस समर्थित सदस्य नाराज होकर परिसर में नारेबाजी कर रहे थे वहीं आधे से अधिक कांगेस समर्थित सदस्य एवं कांग्रेस से बदरीनाथ विधायक लखपत बुटोला जिलायोजना की बैठक में विकास योजना के अनुमोदन में बने रहे।
डीपीसी बैठक समापन के बाद पुलिस ने कांग्रेस समर्थित सदस्यों को जोर जबरदस्ती उठाकर प्रभारी मंत्री के काफिले के लिए रास्ता बनाया।
कांग्रेस विधायक का अपने सदस्यों को मनाने वार्ता करने या उनकी आपत्ति पर एक बार भी वार्ता करने समर्थन करने न पहुंचना चर्चा का विषय बना रहा।