चमोली :राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय गोपेश्वर,चमोली में 8th अन्तर्राष्ट्रीय यंग साइंटिस्ट कांग्रेस (JYSC-25) का आयोजन किया जा रहा है। इस सेमिनार का उद्घाटन श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो एन के जोशी द्वारा किया गया।
अपने उद्बोधन में प्रो० जोशी ने कहा कि हमें आध्यामिकता की प्राप्ति सरल जीवन शैली एवं अपने स्थान और कार्यों में संलग्न रहकर हो सकती है। वैदिक एवं पौराणिक धार्मिक ग्रंथो को वैज्ञानिक अविष्कार का मूल बताया।उन्होंने कहा कहा कि आधुनिक वैज्ञानिक सोच की आध्यात्मिकता से जोड़ स्वयं के कल्याण के साथ दृष्टि को भी कल्याणकारी बना सकते हैं।
महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो० एम० पी० नगवाल ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय सेमिनार में होने वाली परिचर्चा भविष्य की तस्वीर को संवारने में महत्वपूर्ण सिद्ध होगी।
उद्घाटन सत्र में प्रो० रचना नौटियाल,प्रो. दीपक शर्मा, ने भी अपने विचार रखे।
तकनीकी सत्र प्रथम में डॉ. सुधा श्रीवास्तव ने युवाओं को अध्यात्मिकता से जोड़ने की आवश्यकता पर व्याख्यान दिया।
द्वितीय तकनीकी सत्र में डॉ पूनम चौहान ने समग्र कल्याण प्राप्त करने में आन्तरिक सद्भाव की भूमिका विषय पर व्याख्यान प्रस्तुत किया।
भोजनावकाश के उपरान्त विभिन्न विश्वविद्यालय से आए हुए प्रतिभागियों ने शोध पत्र प्रस्तुत किए।
कार्यक्रम में आध्यात्मिकता एवं समग्र कल्याण पर कार्यशाला भी आयोजित की गई जिसमें महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापकों ने प्रतिभाग लिया।