चमोली।भारत सरकार देश में सूचना क्रांति का ढोल पीट रहे हैं। लेकिन निजमुला घाटी के सैकड़ों लोगों के कान में फोन की एक घंटी सुनने को तरस रही हैं। निजमुला घाटी के दर्जनभर गांवों को दूरसंचार सुविधा से जोड़ने के लिए एक मात्र बीएसएनएल मोबाइल टावर लगाया गया है। बीएसएनल के कर्मचारियों की लापरवाही से मोबाइल फोन पर कई दिनो से घंटी नहीं बज पा रही है यदि फोन पर घंटी बजती भी है तो बात नहीं होती नेट तो चलता नहीं,बोलने को तो 4 जी लगाया गया है।लिहाजा ग्रामीणों को दूरभाष सुविधा का लाभ लेने के लिए 20 से लेकर 30 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ रही है।बीएसएनएल के अधिकारी पुरोहित का कहना है व्यारा में स्थित एक मात्र बीएसएनल टावर पर 700 बैंड लगा है,जबकि इसमें 2100 बैंड लगना चाहिए था इस लिए नेट की समस्या हो रही है।वैसे तो दूरसंचार के क्षेत्र में निजमुला घाटी का अपना इतिहास रहा है। ब्रिटिश शासन काल में निजमुला घाटी में मौजूद दुर्मी ताल हुआ करता था तब यहां हरिद्वार से सिंगल तार वाली दूरसंचार लाइन बिछाई गई थी। उस दौरान चमोली जिले में यह एकमात्र घाटी थी, जहां दूरसंचार सुविधा उपलब्ध थी। हालांकि 1998 तक इस घाटी के गौंणा, गाड़ी, दुर्मी, पगना, निजमूला, ब्यारा, सैंजी, पाणा, ईराणी समेत दर्जनभर गांवों के लिए दूरसंचार सुविधा दिवास्वप्न बनी रही। 1998 के बाद इस घाटी को दूरसंचार सुविधा से जोड़ने की पहल की गई। ब्यारा गांव निवासी देवेंद्र पंवार का कहना है कि फोन कॉल करने के लिए 20 किलोमीटर दूर बिरही या फिर चमोली आना पड़ रहा है। पूर्व ग्राम प्रधान व्यारा बृज लाल पूर्व सरपंच सबर सिंह ने बताया कि बीमारी या फिर दुर्घटनाओं के दौरान तो सूचनाओं का आदान प्रदान ही मुश्किल हो रहा है।
Sign in
Welcome! Log into your account
Forgot your password? Get help
Password recovery
Recover your password
A password will be e-mailed to you.







