मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में आज भागीरथी ईको सेंसेटिव जोन की मॉनिटरिंग कमेटी की बैठक आयोजित कर इन क्षेत्र के अंतर्गत प्रस्तावित विभिन्न विकास योजनाओं व अन्य गतिविधियों की अनुमति देने तथा जोन के लिए अधिसूचित मानकों के अनुपालन के संबंध में विचार-विमर्श किया गया। बैठक में मुख्य सचिव ने भागीरथी ईको सेंसेटिव जोन की मॉनिटरिंग कमेटी की बैठक प्रत्येक तीन माह में आयोजित करने के निर्देश देते हुए कहा कि इकोलॉजी और इकोनॉमी में संतुलन कायम रखते हुए भागीरथी ईको सेंसेटिव जोन के अंतर्गत तय पर्यावरणीय मानकों के अनुसार निर्माण कार्य किए जाएं और मानकों की अवहेलना के मामलों में कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। मुख्य सचिव ने कहा कि ईको सेंसेटिव जोन के भीतर सड़कों के निर्माण में तय पर्यावरणीय मानकों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए डीपीआर में स्पष्ट प्रावधान किए जाएं और जीएसआई जैसे किसी प्रतिष्ठित संगठन से भी जांच कराई जाय।
उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों के हितों व विकास के साथ ही चारधाम यात्रा पर बड़ी संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए इस क्षेत्र में अनेक विकास कार्य किए जाने जरूरी हैं, लिहाजा तय नियमों व मानकों का अनुपालन कर पर्यावरण के साथ बेहतर संतुलन कायम रखते हुए कार्रवाई की जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि मॉनिटरिंग समिति का मुख्य कार्य जोन के लिए तय नियमों और मानकों के अनुपालन पर नजर रखना है। लिहाजा संबंधित विभाग संबंधित अनुमतियां जारी करने के साथ ही नियमों का अनुपालन भी सुनिश्चित कराएं।
बैठक में जिलाधिकारी उत्तरकाशी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने भागीरथी ईको सेंसेटिव जोन की अधिसूचना, इसके अनुपालन एवं वर्तमान स्थिति के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए जोन के अंतर्गत प्रस्तावित विकास कार्यों एवं अन्य गतिविधियों को समिति के विचारार्थ एवं अनुमोदन हेतु प्रस्तुत किया।
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