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जनता का डीएम, डॉ संदीप

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दीपक फर्स्वाण
जनता का DM … आमतौर पर हमारे समाज में शादी एक ऐसा आयोजन होता है जिसमें परिवार अपना रुतबा और रुआब दिखाने के लिए लाखों-करोड़ों रुपये खर्च कर देते हैं। वर पक्ष को दहेज भी अच्छा खासा चाहिए होता है। लेकिन उत्तराखंड के एक आईएएस डा. संदीप तिवारी ने बेहद सादगी के साथ अपना विवाह करके समाज को नई राह दिखाई है। डा. तिवारी मौजूदा समय में चमोली के DM हैं। उन्होंने डा. रेखा तिवारी के साथ बेहद ही सादगी के साथ शादी करके एक बेहतरीन उदाहरण पेश किया है। दिलचस्प बात यह है कि विवाह के लिए जिलाधिकारी तिवारी ने कोई छुट्टी नहीं ली, शासकीय कामकाज निपटाने के दौरान ही उन्होंने बीच में समय निकालकर गोपेश्वर कोर्ट में रजिस्टर्ड मैरिज की। फिर नवदम्पति ने गोपीनाथ मंदिर में मत्था टेका और शादी के पवित्र बंधन में बंध गए।

शादी में फिजूलखर्ची का दौर चल रहा है। परिवार अपना रुतबा और रुआब प्रदर्शित करने के लिए लाखों-करोड़ों रुपये खर्च कर देते हैं। स्टेट्स सिम्बल के दिखावे पर सभी का जोर रहता है। इस माहौल के बीच चमोली के डीएम डा. संदीप तिवारी ने समाज को आईना दिखाने का काम किया है। वह चाहते तो किसी फाइव स्टार रिजॉर्ट में डिस्टिनेशन मैरिज कर सकते थे, लेकिन उन्होंने दिखावे के बजाए सादगी को अपनाया। बीते बुधवार को वह शादी के बंधन में बंधे। सबसे बड़ी बात यह है कि तैनाती स्थल गोपेश्वर में ही उन्होंने विवाह का रजिस्ट्रशन करवाया और भगवान गोपीनाथ को साक्षी मानकर रस्म पूरी की। वर और वधु पक्ष के परिजन इस विवाह बंधन के साक्षी बने। डीएम ने सीमित संख्या में अपने स्टाफ के लोगों को भोजन पर आंमत्रित कर अपनी खुशी में शरीक होने का मौका दिया।

ऐसा नहीं कि डीएम चमोली डा. संदीप तिवारी ने सिर्फ सादगी के साथ विवाह करके लोगों का दिल जीता है। उन्होंने गोपेश्वर में अपने एक वर्ष के कार्यकाल के दौरान कई ऐसे काम किए जिनकी वजह से वह लगातार लोकप्रियता के पायदान चढ़ते चले गए। जन शिकायतों का त्वरित निवारण उनकी प्राथमिकता रही है। जनता के समस्याओं को दूर करने में बाधा बनने वाले अधिकारी कर्मचारी हमेशा उनके निशाने पर रहते हैं। डा. तिवारी को फर्क नहीं पड़ता कि शिकायतकर्ता है खास है या आम व्यक्ति। उन्होंने तो बस समस्या का निवारण चाहिए होता है। गैरसैंण घाटी को मशरूम बेल्ट में बदलने के ठोस प्रयास, माणा में हुए हिमस्खलन की घटना में चौबीस घण्टे रेस्क्यू के दौरान मौके पर बने रहना, पिण्डर नदी का रिवर ड्रेजिंग कर थराली क्षेत्र को बाढ़ सुरक्षित बनाना, बदरीनाथ धाम में सरस्वती और अलकनन्दा नदी के संगम पर आयोजित होने वाले पुष्कर कुंभ मेले समेत चारधाम यात्रा का बेहतरीन प्रबंधन करना जैसे तमाम ऐसे कार्य हैं जिनकी वजह से डीएम चमोली सुर्खियों में रहे हैं।

यह भी तो एक सच है कि जनता जब किसी अधिकारी को अपना हितैषी मान लेती है तो उस पर दिलोजान लुटा देती है। कुछ समय पहले डीएम डा. संदीप तिवारी से जब एक जिला आबकारी अधिकारी ‘पॉवर गेम’ के चक्कर में पड़ने लगा तो जनता तिवारी के समर्थन में लामबंद हो गई। सत्ता पक्ष, विपक्ष से लेकर समाज का हर तबका आवाज बुलंद करने लगे। आज के दौर में पब्लिक किसी लोकप्रिय नौकरशाह की ढाल बन जाए ऐसे उदाहरण बहुत कम देखने को मिलते हैं। वास्तव में तिवारी ने खुद को ‘जनता का DM’ साबित किया है।