बद्रीनाथ: जहां धामों में जय बद्री विशाल के नारों का गुंजायमान रहता था वहां इन दिनों आंदोलनों के जरिए सरकार विरोधी नारों की गूंज सड़कों पर देखने को मिल रही है शुक्रवार को बदरीनाथ धाम में अन्य व्यापारियों द्वारा चार धाम यात्रा शुरू किए जाने की मांग को लेकर विशाल जन आक्रोश रैली का आयोजन किया गया आंदोलन में देवस्थानम बोर्ड भंग करने और चार धाम यात्रा शुरू किए जाने की मांग की थी
विगत 2 वर्षों से कोरोना महामारी के चलते उत्तराखंड के चार धामों में यात्रा सुचारू रूप से संचालित नहीं हो पाई जिसके चलते चार धाम यात्रा से जुड़े वाहन स्वामी और छोटे- बड़े व्यवसाई जो पूरी तरह से यात्रा पर ही निर्भर करते थे उनके सामने अब रोजी रोटी का संकट आ गया है उत्तराखंड के गंगोत्री यमुनोत्री केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम ऐसी धाम है जो ग्रीष्म काल के दौरान छह महा यात्रा के लिए आम श्रद्धालुओं के लिए खोले जाते हैं और देश-विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु इन धर्मों में दर्शनों के लिए पहुंचता है इस दौरान चारों धामों से जुड़े छोटे बड़े व्यवसाई और वाहन स्वामियों के लिए रोजगार का एक माध्यम रहता है लेकिन पिछले 2 वर्षों से मंदिरों के कपाट विधि विधान के साथ जरूर खोले जाते हैं लेकिन कोरोना महामारी को देखते हुए सरकार मैं आम श्रद्धालुओं को दामों में दर्शनों की अनुमति नहीं दी है राजेश मेहता मनदीप भंडारी सोमेश पवार विनोद नवानी बताते हैं कि किस तरह से उत्तराखंड सरकार चार धाम यात्रा शुरू नहीं करवानी चाहती है पूरे देश के पर्यटन स्थलों में लाखों की संख्या में पर्यटक पहुंच रहे हैं वहां पर किसी भी तरह से कुरूना को लेकर लोगों के रोजी रोटी के साथ खिलवाड़ नहीं किया जा रहा है लेकिन उत्तराखंड सरकार लगातार उत्तराखंड के चार धामों पर यात्रा शुरू नहीं करवा पा रही है जिससे लोगों को इस तरह के आंदोलनों को मजबूर होना पड़ रहा है