स्लग झुक रहा है गोपीनाथ
रिपोर्ट : सुरेन्द्र रावत चमोली
पीकेजी:
एंकर: सीमांत जनपद चमोली के मुख्यालय गोपेश्वर में स्थित भगवान गोपीनाथ मंदिर कि एक तरफ झुकने की खबर से मंदिर में आस्था रखने वाले लोगों में चिंता बढ़ गई है मन्दिर के पुजारियों और हक हकूक धारियों ने मंदिर के झुकने ओर क्षतिग्रस्त होने की सूचना जिला प्रशासन और पुरातत्व विभाग को सौंप दी है। आपको बताते चलें की बद्रीनाथ और केदारनाथ की केंद्र बिंदु में स्थित भगवान रुद्रनाथ की शीतकालीन गद्दी असली गोपीनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित है पौराणिक काल से ही यह मंदिर अपने निर्माण शैली को लेकर विशेष आकर्षण का केंद्र रहा है नागर शैली में निर्मित यह मंदिर कत्यूरी राजाओं द्वारा बनाया गया ऐसी मान्यता है पहले जो मंदिर स्थान यह हकहकूक धारियों की देखरेख में ही था लेकिन मंदिर अलग-अलग जगह से क्षतिग्रस्त होने लगा था इसके बाद पुरातत्व विभाग द्वारा मंदिर की देखरेख अपने पास रखी गई मंदिर के पुजारी हरीश भट्ट बताते हैं कि यह मंदिर उत्तर भारत के सबसे भव्य मंदिरों में से एक मंदिर है इस मंदिर से जुड़ी हुई कई धार्मिक कथाएं हैं और हर वर्ष हजारों लोग भगवान शिव के दर्शनों के लिए यहां पर पहुंचते हैं लेकिन मंदिर की झुकाव और अलग-अलग जगहों पर दरार की स्थिति को देखते हुए वो कहते हैं कि पुरातत्व विभाग और जिला प्रशासन को मंदिर को लेकर गंभीरता से सोचना होगा और इस मंदिर के संरक्षण को लेकर कार्य योजना तैयार करनी होगी
वहीं स्थानीय निवासी मोहन सिंह नेगी,राजा तिवारी का कहना है कि आराध्य देव भगवान शिव मंदिर की यह स्थिति देखकर चिंतित हैं उन्होंने कहा कि जिला मुख्यालय गोपेश्वर में शिक्षा स्वास्थ्य की व्यवस्थाओं के चलते ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी संख्या में लोगों ने गोपेश्वर में घर बनाए हैं ऐसे में लगातार जनसंख्या बढ़ने के बाद ड्रेनेज सिस्टम अव्यवस्थित हो गया जिस पर जिला प्रशासन को ध्यान देने की जरूरत है सही ड्रेनेज सिस्टम नहीं होने के चलते गोपेश्वर के अलग-अलग हिस्से भुधँसाव की चपेट में आते जा रहे हैं सैकड़ों घरों में जरा रहे हैं और इस तरह की अव्यवस्थाओं का प्रभाव अब गोपीनाथ मंदिर के आसपास भी पड़ रहा है उन्होंने कहा कि गोपीनाथ मंदिर लाखों लोगों की आस्था का प्रतीक है इस धरोहर को बचाए रखने के लिए शासन-प्रशासन पुरातत्व विभाग को गंभीरता से सोच कर इस मंदिर के संरक्षण के लिए कार्य करना चाहिए ताकि लोगों की धार्मिक भावनाएं और आस्था बनी रहे
मन्दिर भण्डारक अमित रावत कहना है कि मामले को लेकर पुरातत्व विभाग को।पत्राचार किया गया है, इससे पूर्व भी मन्दिर सरक्षण के लिए पुरातत्व विभाग ने मन्दिर पर कार्य किया है।