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जड़ी बूटी शोध संस्थान में जल्द आएंगे स्थाई निदेशक :गुनियाल

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चमोली: राज्य औषधीय पादप बोर्ड के उपाद्यक्ष जड़ी बूटी शोध संस्थान बलवीर गुनियाल दायित्व मिलने के बाद पहली बार जड़ी बूटी शोध संस्थान मंडल पहुँचे,
संस्थान की ओर से राज्यमंत्री का भव्य स्वागत किया गया,

पूर्व प्रमुख भगत बिष्ट ने जड़ी बूटी शोध संस्थान को लेकर बताया कि 1989 से पहली बार इस संस्थान को पूरे एशिया स्तर का शोध संस्थान बनाये जाने का सपना दिखाया गया था, लेकिन आज 30 वर्ष बीत जाने के बाद संस्थान बिना अधिकारियों के समाप्ति की कगार पर है, सरकार की संवेदनहीनता ऐसी है कि इस ओर कोई भी ध्यान नही दिया जाता है।
बाइट भगत सिंह बिष्ट: पूर्व प्रमुख

गुनियाल ने काश्तकारों को सम्बोधित करते हुए जड़ी बूटी शोध संस्थान के बारे में जानकारी दी, उन्होंने कहा कि उतराखण्ड के सीमन्त जनपदों में लाखों प्रजाति की कड़ी बूटियां जो संजीवनी का कार्य करती है। सरकार जड़ी बूटियों को उत्पादन के लिए काश्तकारों को प्रोत्साहन राशि दे रही है।जो काश्तकारों को स्वरोजगार के क्षेत्र में लाभकारी सिद्ध हो रही है। काश्तकारों को सरकार की योजनाओं का लाभ लेकर स्वयम का रोजगार तैयार करना चाहिए। स्थानीय लोगो ने
संस्थान की समस्याओं से अवगत करवाते हुए बताया कि 4साल से निदेशक की नियुक्ति नही हो पाई है, जड़ी बूटी शोध संस्थान को उसके मूल।स्वरूप में लाया जाए, स्थानीय काश्तकारों ने जिस सपने के साथ अपनी भूमि संस्थान को दी थी उनके सपने आधे अधूरे ही रह गए हैं,

इस दौरान उन्होंने शोध संस्थान निरीक्षण करते हुए वहां की समस्याओं के बारे में जानकारी लेते हुए उनके समाधान का आश्वासन दिया।

बाइट बलवीर गुनियाल: राज्यमंत्री

इस दौरान राज्यमंत्री हरक सिंह नेगी, नगरपालिका अध्य्क्ष संदीप रावत, पूर्व प्रमुख भगत सिंह बिष्ट भुवन विक्रम डबराल, बीरेंद्र रावत, मोहन सिंह नेगी, दीपक भट्ट, बल्लभ प्रसाद थपलियाल ग्राम प्रधान पुष्कर सिंह, प्रदीप सिंह, महेंद्र राणा, उमेश भट्ट काश्तकार आदि मौजूद रहे।