एक ओर कोरोना के बढ़ते आंकड़े और दूसरी तरफ ओमिक्रोन का ख़ौफ़ दिनों दिन बढ़ता जा रहा है । इतनी बड़ी बीमारी के बीच जहां हमारी स्वास्थ्य सुविधाये दुरस्त होनी चाहिए थी वही पहाड़ो में अस्पताल बिन डॉक्टरों के रेफर सेंटर बने हुए है। इसी बीच कर्णप्रयाग अस्पताल से दो विशेषज्ञ डॉक्टरो के तबादले हो गए है । डॉक्टरों के स्थानांतरण को रोकने के लिए आज स्थानीय लोगो ने कर्णप्रयाग मुख्य बाजार में प्रदेश सरकार के खिलाप जमकर प्रदर्शन किया । और उपजिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा ।
स्थानीय निवासी इंद्रेश मैखुरी का कहना हैकि चीन के बुहान से पूरी दुनिया मे फैला कोरोना वायरस थमने का नाम नही ले रहा है । कोरोना और ओमिक्रोन के ताजा आंकड़े सामने आने पर डब्लूएचओ भी घबरा हुआ है । कि आने वाले दिनों में क्या हालात होंगे । इतनी बड़ी महामारी के बीच जहां हमारी स्वास्थ्य सुविधाएं दुरस्थ होनी चाहिए थी वही पहाड़ो में जनता बिन डाक्टरों के खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे है । उपजिला अस्पताल कर्णप्रयाग में डॉक्टरों के खाली पद इतना कुछ बताने को काफी है कि आखिर हमारी सरकारो को हमारी कितनी चिंता है । मौजूदा समय मे कर्णप्रयाग अस्पताल से दो विशेषज्ञ डॉक्टरों के तबादले होने पर आज स्थानीय लोगो ने कर्णप्रयाग मुख्य बाजार में धामी सरकार के खिलाप जमकर प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री पुष्कर सिह धामी का पुतला दहन किया । प्रदर्शन कर रहे लोगो का कहना है कि आखिर सरकार चाहती क्या है । लोगो ने कहा कि यह जनता के साथ खिलवाड़ नही तो क्या है । यदि विशेषज्ञ डाक्टरों के बदले विशेषज्ञ डॉकटर नही भेजे गए तो आंदोलन जारी रखा जाएगा ।
बीरेंद्र मिंगवाल का कहना हैकि उपजिला अस्पताल कर्णप्रयाग से लगातार हो रहे डॉक्टरों के स्थानांतरण से परेशान लोगो का कहना है कि देश मे बीमारी बढ़ती जा रही है और हमारे अस्पताल खाली हो रहे है । युवा देश और युवा प्रदेश का नारा देने वाली इस सरकार को आगामी 2022 के चुनावों में जनता सबक सिखाएगी ।
भुवन नौटियाल स्थानीय निवासी का कहना है कि दिनों दिन बढ़ रही बीमारी का सबसे अधिक प्रभाव साठ वर्ष से अधिक उम्र के लोगो पर पड़ रहा है । डॉक्टरों के अभाव में खाली होते अस्पतालों की सबसे अधिक चिंता सीनियर सिटीजन को हो रही है । स्थानीय निवासी भुवन नौटियाल ने कहा कि ओमिक्रोन और बढ़ते कोरोना के मामलों से हम चिंतित है । जब डॉक्टर हो नही होंगे तो हमारी रक्षा करेगा कौन । इसलिए यहां डॉक्टर भेजे जाने चाहिए नही तो हम आन्दोलन करने को बाध्य होंगे
बढ़ती बीमारी के बीच डॉक्टरों के अभाव में अस्पतालों के खाली होना चिंता की बात है । सरकारों को चाहिए कि चुनावों के ही बहाने सही हमारी स्वास्थ्य सुविधाओ को ठीक करे ताकि आगामी समय मे सरकार को इसका लाभ मिलने के साथ साथ हम कोरोना जैसी बीमारी से भी लग सकेंगे ।
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