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हाईकोर्ट ने विधायक और पूर्व विधायक की लड़ाई का लिया स्वतः संज्ञान,शर्मनाक बाहुबल पर सख्त कार्यवाही के निर्देश।

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नैनीताल: उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने रुड़की में निर्दलीय विधायक उमेश कुमार और पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन के बीच हुई गोलाबारी, गाली गलौज और मारपीट का स्वतः संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरिद्वार को आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने के निर्देश दिये हैं। न्यायालय ने कहा कि देवभूमि में बाहुबल का ऐसा प्रदर्शन शर्मनाक है।

खानपुर विधायक और पूर्व विधायक के बीच सरेआम हुई ताबड़तोड़ गोलीबारी, गाली गलौच और पथराव के वीडियो राष्ट्रीय न्यूज चैनलों और समाचार पत्रों की सुर्खियां बनने से उत्तराखंड की छवि खराब होने से चिंतित अवकालीन न्यायधीश न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने घटना का स्वतः संज्ञान लिया।

मंगलवार की सुबह घटना का संज्ञान लेते हुए न्यायालय ने सुप्रीमकोर्ट द्वारा अश्विनी कुमार उपाध्याय बनाम यूनियन ऑफ इंडिया में पारित आदेशों का पालन न होने पर चिंता व्यक्त की। इस आदेश में राजनीति का अपराधीकरण रोकने को लेकर दिशा निर्देश जारी हैं ।

मामले की सुनवाई दोपहर बाद करने का निर्णय लेते हुए न्यायलय ने जिलाधिकारी हरिद्वार और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरिद्वार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये न्यायालय में पेश होने और इस मामले में की गई कार्यवाही की जानकारी देने को कहा। जिलाधिकारी और एस.एस.पी हरिद्वार वर्चुअली न्यायालय में पेश हुए और उन्होंने बताया कि वर्तमान विधायक उमेश कुमार और पूर्व विधायक प्रणव चैंपियन गिरफ्तार हो चुके हैं, जिसमें प्रणव सिंह जेल में है और उमेश कुमार जमानत में हैं।

जिलाधिकारी ने बताया कि दोनों के शस्त्र लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं और उनको दी गई सुरक्षा को हटाने के लिये सरकार समीक्षा कर रही है। बताया कि दोनों के खिलाफ विभिन्न न्यायालयों में 19-19 मुकदमे लंबित हैं ।
हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई की अगली तिथि 12 फरवरी निर्धारित करते हुए जिलाधिकारी हरिद्वार और एस.एस.पी हरिद्वार को आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने के निर्देश दिए । न्यायालय ने दोनों के खिलाफ चल रहे मुकदमों, आपराधिक रिकॉर्ड, 25-26 जनवरी को हुई घटनाओं की वीडियो क्लिप, आरोपियों के खिलाफ की गई कार्यवाही रिपोर्ट आदि शपथपत्र के साथ न्यायालय में पेश करने को कहा है।