चमोलीः आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत मुख्यमंत्री नवाचार योजना में कृषि केंद्र राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय गोपेश्वर चमोली द्वारा संचालित जैविक कृषि (उत्पादन, प्रसंस्करण एवं विपणन) कार्यक्रम के अंतर्गत एक दिवसीय जैविक कृषि क्षेत्र शैक्षिक भ्रमण का आयोजन ग्राम हाट पीपलकोटी चमोली में पूर्व प्रधानाचार्य श्री मनोज कुमार हटवाल (जैविक कृषक) के कृषि क्षेत्र में किया गया। भ्रमण में महाविद्यालय के चयनित छात्र छात्राओं ने जैविक खेती का व्यावहारिक प्रशिक्षण प्राप्त किया। छात्र छात्राओं ने श्री मनोज कुमार हटवाल के पाली हाउस, कम्पोस्ट इकाई, जीव उर्वरक आदि का व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त किया। पाली हाउस में उगाई गयी शिमला मिर्च, टमाटर फूल गोभी, पत्ता गोभी तथा तोर दाल आदि सब्जियों की जैविक खेती करने के तरीकों की जानकारी प्राप्त की। सरकारी योजना के माध्यम से प्राप्त पहाड़ी क्षेत्र हेतु ट्रेक्टर, थ्रेसर, आटा, मसाला चक्की, संचालन विधि की जानकारी प्राप्त की।
इसके साथ साथ जैविक खेती क्यों आवश्यक है? जैविक खेती किस प्रकार शुरू की जाये? विभिन्न सरकारी योजनाओं तथा सब्सिडी का कैसे लाभ लिया जाये इसकी जानकारी भी प्राप्त की। सभी छात्र छात्राओं को इस भ्रमण के प्रति काफी उत्साह देखा गया। उनका कहना है इस तरह के शैक्षिक भ्रमण व्यावहारिक ज्ञान हेतु बहुत आवश्यक हैं। जैविक खेती में स्वरोजगार की अपार सम्भावना है तथा जैविक खेती की शुरुआत हमें बड़े पैमाने से न कर के सबसे पहले अपने घर से ही शुरुवात करनी चाहिए।
इस अवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. रचना नौटियाल ने कहा कि मुख्यमंत्री नवाचार योजना के अंतर्गत महाविद्यालय में स्वरोजगार, बागवानी, जैविक खेती, रसायन मुक्त खेती जैसी महत्वपूर्ण गतिविधियों पर जन जागरण एवं अकादमिक गतिविधियां भी संचालित की जाएँगी। इस शैक्षिक भ्रमण में महाविद्यालय के कार्यक्रम नोडल अधिकारी रुपेश कुमार, डॉ अनिल सैनी, डॉ भावना मेहरा, डॉ पूनम टाकुली, डॉ रंजू बिष्ट , डॉ मनीष मिश्रा, डॉ सबज सैनी, डॉ राजेंद्र बिष्ट, आदि उपस्थित रहे।