गोपेश्वर: बुग्याल बचाओ अभियान की शुरुआत राजकीय प्राथमिक विद्यालय सगर में पर्यावरण एवं स्वच्छता गोष्ठी के साथ शुरू हो गई है।
सी पी भट्ट पर्यावरण एवं विकास केन्द्र तथा केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग के संयुक्त तत्वावधान में पांच दिवसीय बुग्याल बचाओ अध्ययन यात्रा सोमवार को गोपेश्वर के समीप सगर गांव से शुरू हुई।
विश्व पर्यटन दिवस के मौके पर सगर के स्कूल पर्यावरण अनुकूल पर्यटन की अवधारणा को धरातल पर उतारे जाने की जरूरत को जरुरी बताया गया।
शहर और गांवों के अलावा जल,जंगल और जमीन और बुग्यालों के साथ प्राकृतिक परिवेश की स्वच्छता भी जरूरी है।
स्कूल के छात्रों ने अपने अनुभव और जानकारी के अनुसार बुग्याल और पवित्र क्षेत्रों के संरक्षण से जुड़े विचार साझा किए 2014 से सीपी भट्ट पर्यावरण एवं विकास केन्द्र की ओर से बुग्याल बचाओ अभियान के तहत हर साल अलग अलग इलाकों में अध्ययन यात्राएं और स्वच्छता अभियान की श्रृंखला शुरू की है। जो लगातार जारी है।
2014 की नंदा देवी राजजात यात्रा के तत्काल बाद केंद्र की ओर से बेथनी बुग्याल और फिर सुतोल से शिलासमुद्र के इलाके में अध्ययन और अजैविक कचरे के लिए स्वच्छता अभियान संचालित करने के साथ 2014 से इन बुग्याल बचाओ यात्राओं की शुरुआत हुई थी।
इस अध्ययन यात्रा में ग्रामीण, पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ता और वनकर्मी भाग ले रहे हैं।
पांच दिवसीय इस अभियान के तहत पहले दिन सगर से पधार बुग्याल, दूसरे दिन पनार से रुद्रनाथ तथा तीसरे दिन डुमक-कलगोट तथा चौथे दिन बंशीनारायण बुग्याल के इलाके का अध्ययन और अजैविक कचरे के लिए स्वच्छता कार्यक्रम किया जायेगा।
कार्यक्रम के शुरुआत के मौके पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए केंद्र के अंधेरी प्रबंध न्यासी ओम प्रकाश भट्ट ने बुग्यालों के महत्व और और उनके सकंटों पर विस्तार से चर्चा की और छोटे प्रयासों से इन्हें कैसे कम किया जा सकता है इस पर अपने विचार प्रकट किए।
केदारनाथ वन प्रभाग के प्रभारी रेंज अधिकारी नेगी ने वन विभाग की ओर से इस दिशा में किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। केंद्र के समन्वयक विनय सेमवाल ने कार्यक्रम की जानकारी दी। इस दौरान प्राथमिक विद्यालय की अध्यापिका श्रीमती सेमवाल और श्रीमती ऋचा लिंगवाल ने भी पर्यावरण सम्मत पर्यटन के लिए किस तरह के प्रयास किए जाने चाहिए इस पर विचार व्यक्त किए। मनोज नेगी ने भी पर्यटन और सतत तीर्थाटन की नीति को लेकर विचार व्यक्त किए।
कार्यक्रम में केदारनाथ वन प्रभाग के गोपेश्वर रेंज के सभी अधिकारी और कर्मचारी शामिल थे।