कर्णप्रयाग: कर्णप्रयाग_नैनीसैन मोटर मार्ग के मोवाणी गदेरे पर नगरपालिका परिषद कर्णप्रयाग द्वारा बनाए जा रहे कूड़ा निस्तारण केन्द्र का विरोध करते कपीरी संघर्ष समिति, जनप्रतिनिधि, व सामाजिक क्षेत्र से जुड़े लोग । एस डी एम कर्णप्रयाग, ई ओ नगरपालिका कर्णप्रयाग, वन विभाग के अधिकारी सहित अन्य कर्मचारी पहुंचे मोवाणी गदेरे पर । जनता ने किया जोरदार नारों से कूड़ा निस्तारण का विरोध । कपीरी संघर्ष समिति जिन्दा कर्णप्रयाग-नैनीसैण मोटर मार्ग के मोवाणी गधेरे पर बगैर ग्रामसभा की अनापत्ति के, व क्षेत्रीय जन प्रतिनिधियों व आम जन मानस की सहमति के कूड़ा निस्तारण केन्द्र बनाया जाना जन विरोधी है। साथ ही सैकड़ों पेड़ों को काटकर पर्यावरण को भी भारी क्षति पहुंचायी गयी है जो कि सरासर नियमों की अनदेखी है।
उन्होंने बताया कि नगर पालिका परिषद कर्णप्रयाग द्वारा पूर्व में कूड़ा निस्तारण केन्द्र के लिये कहीं और जगह चयनित कर ली गयी थी, लेकिन नगर पालिका परिषद कर्णप्रयाग द्वारा जबरदस्ती कपीरी रोड़ पर कूड़ा निस्तारण केन्द्र बनाया जा रहा है। उक्त स्थल नगर पालिका परिषद कर्णप्रयाग की सीमा से बाहर ग्रामीण क्षेत्र में आता है। यह भू-स्खलन वाला क्षेत्र होने के साथ-साथ बरसाती नाला भी उक्त जगह पर बहता है। साथ ही साथ यह स्थल पिण्डर नदी से लगा हुआ व ढलान वाला क्षेत्र है। अगर यहां पर कूड़ा निस्तारण केन्द्र बनाया जाता है तो वो निश्चित रूप से सारा कूड़ा पिण्डर नदी में चला जायेगा और पिण्डर नदी को दूषित करेगा। साथ ही यह भी अवगत कराना है कि पिण्डर नदी के किनारे और उक्त स्थल जो कूड़ा निस्तारण के लिये चयनित किया गया है उसके ठीक नीचे पौराणिक शिवलिंग स्थापित है। साथ ही साथ उक्त मोटर से ग्राम डिम्मर में श्री बद्रीनाथ भगवान गाडू घड़ा भी इसी रास्ते से होकर गुजरता है और भगवान श्री लक्ष्मीनारायण मन्दिर किमोली, भगवान छांतेश्वर महादेव मन्दिर, माँ जिठाई देवी की डोली यात्रा एवं माँ उमा देवी की डोली यात्रा सहित अनेकों देवस्थल इस क्षेत्र में विद्यमान हैं। जो कि लाखों लोगों की आस्था से जुड़ा हुआ है। उक्त भूमि उत्तराखण्ड सरकार के अधीन है तथा ग्राम पंचायत डिम्मर की सीमा के अन्तर्गत है। परन्तु बिना ग्राम पंचायत को विश्वास मे लिये क्या उक्त भूमि नगर पालिका के अधीन स्थानान्तरित हो गयी है ये भी एक बड़ा प्रश्न है। क्षेत्र वासियों ने।चेतवानी देते हुए कहा कि अगर मामले में कार्रवाई नही कि तो उन्हें आंदोलन करने को मजबूर होना पड़ेगा। महिपाल सिंह, ग्राम प्रधान राखी देवी ग्राम प्रधान बीना देवी आदि मौजूद रहे