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टेस्ट मैच जीतने के लिए 1 दिन में 300 रन बनाने से पीछे नहीं हटूंगा, कप्तान विराट कोहली का दावा..

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विराट कोहली ने अपनी कप्तानी का नजरिया बताया है कि वे किस तरह से भारतीय टीम का नेतृत्व करना पसंद करते हैं।

खेल : भारतीय टीम के दिग्गज बल्लेबाज विराट कोहली अपनी आक्रामक रवैये वाली कप्तानी के लिए जाने जाते हैं। विराट कोहली भले ही टेस्ट में कप्तानी कर रहे हों या फिर वनडे या टी20 क्रिकेट में, वे पहली गेंद से आखिरी गेंद तक जोश में नजर आते हैं। यही कारण है कि वे हमेशा जीत के लिए भूखे दिखाई देते हैं। विराट ने अपनी कप्तानी का एक्स फैक्टर भी टेस्ट मैच के आखिरी दिन कठिन परिस्थितियों में मिलने वाली जीत को बताया है।

भारतीय टीम के ओपनर मयंक अग्रवाल ने बीसीसीआइ की आधिकारिक बेवसाइट के लिए कप्तान विराट कोहली से लंबी बातचीत की। इस दौरान मयंक ने विराट से उनकी कप्तानी के एक्स फैक्टर के बारे में पूछा तो कप्तान कोहली ने जवाब दिया, “मैं किसी भी परिस्थिति में परिणाम के लिए समझौता नहीं कर सकता। अगर आपको टेस्ट मैच के आखिरी दिन 300 रन चेज करने हैं तो मैं टीम के खिलाड़ियों से कहूंगा कि ये करना है, मैं कभी भी ड्रॉ के लिए नहीं कहूंगा।”

विराट ने ये भी बताया है कि मेरा प्लान क्या होगा? कप्तान विराट कोहली ने कहा, “अगर हमको 300 रन का टारगेट मिलता है तो मैं टीम से कहूंगा कि इसे जीतना है। हम पहले सेशन में अगर एक या दो विकेट खोकर 80 रन बना लेते हैं और दूसरे सेशन में 100 रन बना लेते हैं तो आखिरी सेशन में हमारे पास 120 रन बनाने के लिए होंगे। वहां, अगर आपके पास 7 विकेट होते हैं तो आप उस मैच को वनडे मैच की तरह निकालकर ले जा सकते हैं।”

31 वर्षीय कोहली ने कहा है कि तीसरे सेशन में अगर हमारे पास विकेट नहीं बचते हैं तो फिर ड्रॉ के लिए देखा जा सकता है। विराट ने कहा है, “मैं आखिरी के सेशन के आखिरी घंटे तक ड्रॉ के लिए नहीं जाऊंगा, जब तक कि परिस्थितियां बहुत खराब न हो जाएं। मैं टेस्ट मैच के आखिरी दिन की सुबह सभी से यही कहूंगा कि हमको इतने रन चेज करने हैं। हार का डर रखने से खुद का नुकसान होता है, क्योंकि आप जीत के बारे में बिना सोचे समझे सरेंडर कर देते हैं तो ये गलत है।”

विराट ने ये मयंक को भी बताया कि मान लो अगर जैसे तुम ओपनर हो और उस मैच में आखिर दिन नाबाद 120 रन बना देते हैं तो आपको लोग अगले दस साल तक याद रखेंगे। आप भी उस क्षण को जिंदगी भर याद रखना चाहेंगे। ये कुछ ऐसे दिन और पल होते हैं जिन्हें अगर आप सोचोगे तो आपको खुद पर गर्व होगा कि हम कैसे खेले। यही मेरा उद्देश्य है कि लोग कैसे खुद को भी याद रख सकें।