Home उत्तराखंड तीसरे दिन भी गोपेश्वर में पानी की सप्लाई ठप, सड़क पर फूटा...

तीसरे दिन भी गोपेश्वर में पानी की सप्लाई ठप, सड़क पर फूटा लोगों का गुस्सा

28
0
गोपेश्वर बस स्टैण्ड पर जल संस्थान के ईई का घेराव करते पेयजल उपभोक्ता।
  • नगरवासियों ने जल संस्थान के अधिकारियों का किया घेराव
  • उपभोक्ताओं ने सुचारु पेयजल आपूर्ति की उठाई मांग
गोपेश्वर बस स्टैण्ड पर जल संस्थान के ईई का घेराव करते पेयजल उपभोक्ता।

गोपेश्वर। गोपेश्वर मेंं गुरुवार को तीसरे दिन भी पेयजल की आपूर्ति सुचारु नहीं हो पाई है। ऐसे में नगरवासी प्राकृतिक जल स्रोतों से ढोकर पेयजल की आपूर्ति कर रहे हैं। जिसे देखते हुए गुरुवार को नगर के पेयजल उपभोक्ताओं ने बस स्टैण्ड पर जल संस्थान के ईई का घेराव कर प्रदर्शन किया। जिस पर अधिकारियों ने लाइन सुधारकरण होने तक नगर में पेयजल आपूर्ति के लिये समयबद्ध रोस्टर के अनुसार पेयजल वितरण का आश्वासन दिया है।

गोपेश्वर बस स्टैण्ड पर सुचारु पेयजल आपूर्ति की मांग को लेकर प्रदर्शन करते उपभोक्ता।

गोपेश्वर को सप्लाई हो रही अमृत गंगा पेयजल लाइन देवलधार के समीप सोमवार को क्षतिग्रस्त हो गई थी। जिसके बाद से अभी तक लाइन का सुधारीकरण नहीं हो सका है। वहीं जल संस्थान के अधिकारी नगर में टैंकरों से सड़क के नजदीकी इलाकों में पेयजल आपूर्ति कर अपनी जिम्मेदारी की इति श्री कर रहे हैं। ऐसे में सड़क से दूर निवास करने वाले उपभोक्ताओं को पानी आपूर्ति के लिये परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं। पालिका सभासद नवल भट्ट व व्यापार मंडल अध्यक्ष अनूप पुरोहित ने कहा कि नगर में पेयजल आपूर्ति ठप होने के बाद से जहां जल संस्थान की ओर से वैकल्पिक व्यवस्था तैयार नहीं की जा सकी है। वहीं क्षतिग्रस्त लाइन के सुधारीकरण में लग रहा समय विभागीय अधिकारियों का जनता के प्रति लापरवाह नजरिया स्पष्ट कर रहा है। उपभोक्ताओं ने शीघ्र पेयजल आपूर्ति सुचारु न होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है। इस मौके पर गजेंद्र बिष्ट, अमित मिश्रा, विपिन कंडारी, उदय सिंह रावत, संजय कुमार, राम प्रसाद त्रिपाठी, प्रकाश तिवारी आदि मौजूद थे।

अमृत गंगा पेयजल लाइन के क्षतिग्रस्त होने से गोपेश्वर नगर की पेयजल आपूर्ति बाधित हो गई है। क्षतिग्रस्त लाइन का सुधारीकरण कियाह जा रहा है। वहीं नगर में टैंकरों की मदद से पेयजल वितरण किया जा रहा है। जल्द सुचारु पेयजल आपूर्ति शुरु कर दी जाएगी।
प्रवीण सैनी, अधिशासी अभियंता, जल संस्थान, गोपेश्वर-चमोली।