बद्रीनाथ धाम में भविष्य की जरूरतों के हिसाब मास्टर प्लान के तहत प्रस्तावित नई पेयजल परियोजना को लेकर शुक्रवार को जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने समीक्षा बैठक ली। उन्होंने जल संस्थान को निर्देशित किया कि नई पेयजल योजना के निर्माण हेतु पहले चरण की डीपीआर शीघ्र तैयार की जाए।
बद्रीनाथ धाम को स्मार्ट आध्यात्मिक हिल टाउन बनाने के लिए मास्टर प्लान के तहत काम चल रहा है। यहां आने वाले श्रद्वालुओं की संख्या साल दर साल बढ़ रही है। बद्रीनाथ धाम में आगामी 30 वर्षो की पेयजल आपूर्ति का आंकलन करते हुए जल संस्थान के माध्यम से नई पेयजल परियोजना का प्रस्ताव तैयार किया गया है। जिलाधिकारी ने प्रस्तावित पेयजल योजना की समीक्षा करते हुए जल संस्थान के अधिकारियों को निर्देशित किया कि बद्रीनाथ धाम में भविष्य में बनने वाले नए होटल, भवन और फ्लोटिंग पोपुलेशन का भी पूरा आकलन करते हुए प्रस्ताव शामिल किया जाए। आईएनआई डिजाइन कंपनी से समन्वय करते हुए बद्रीनाथ मास्टर प्लान के साथ नई पेयजल योजना को इंटीग्रेट करें। सुनियोजित तरीके से पेयजल योजना के निर्माण हेतु पहले चरण की डीपीआर शीघ्र तैयार की जाए। सीवरेज सिस्टम के लिए भी जल निगम के साथ संयुक्त निरीक्षण कर रिपोर्ट उपलब्ध करें।
जल संस्थान के अधीक्षण अभियंता ने बताया कि बद्रीनाथ धाम में नई पेयजल परियोजना निर्माण हेतु स्थानीय लोगों, मंदिर समिति, आर्मी, आईटीबीपी, विभागों सहित सभी स्टेकहोल्डर के सुझाव लिए गए है। विस्तृत सर्वेक्षण करने के बाद नई पेयजल योजना के प्रस्ताव को अंतिम रूप दिया जा रहा है। नई पेयजल योजना के निर्माण हेतु बद्रीनाथ धाम को छः जोन में विभाजित किया गया है। नई पेयजल योजना में आधुनिक उपकरण, तकनीकी और पीपीआर पाइप का उपयोग किया जाएगा।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह, जल संस्थान के अधीक्षण अभियंता सुशील कुमार, अधिशासी अभियंता एसके श्रीवास्तव सहित जल निगम एवं पीआईयू के अधिकारी मौजूद थे।