राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर आज नई पेंशन प्रणाली के विरोध में नई पेंशन योजना से आच्छादित अधिकारी, शिक्षक तथा कर्मचारियों ने काला दिवस मनाया। 01 जनवरी, 2004 को केन्द्र सरकार ने पुरानी पेंशन की जगह नई पेंशन प्रणाली लायी गई। उत्तराखंड सरकार ने भी 01 अक्टूबर, 2005 से नई पेंशन लागू की। शुरूआत में सरकार द्वारा नई पेंशन के कई फायदे व जबरदस्त लाभ की बात बतायी गई। लेकिन जैसे-जैसे नई पेंशन योजना के तहत कर्मचारी सेवानिवृत्त हुए तो इसके चौंकने बाले परिणाम सामने आये। इसके तहत कर्मचारियों को वृद्धावस्था पेंशन से भी कम पेंशन मिलने लगी और कर्मचारियों का जमा पैसा शेयर मार्केट की स्थिति पर उन्हें प्राप्त हुआ। ऐसी स्थिति में कर्मचारियों अपने को ठगा सा महसूस करने लगे। जिसके बाद कर्मचारियों ने सरकार से संगठन के माध्यम से पुरानी पेंशन बहाली की मांग करने लगे। समय-समय पर कर्मचारी विभिन्न प्रकार के आन्दोलन, धरने व प्रदर्शनों के माध्यम से सरकार को चेताने का काम कर रहे हैं। सरकार द्वारा कर्मचारियों के उग्र आन्दोलन को देखते हुए इस मुद्दे पर सुनवाई हेतु वेतन विसंगति समिति को कर्मचारियों के पक्ष को सुने हुए रिपोर्ट मांगी गई। सुनवाई के दौरान वेतन विसंगति समिति के अध्यक्ष श्री शत्रुघ्न सिंह जी ने माना कि पुरानी पेंशन बहाली का अधिकार केवल राज्य सरकार का है।
इसी क्रम में आज जनपद चमोली में भी अधिकारी, शिक्षक तथा कर्मचारियों ने नई पेंशन लागू करने की तिथि 01अक्टूबर के विरोध में अपने-अपने कार्यालय तथा विद्यालय में रहकर काली पट्टी तथा काला मास्क पहनकर साथ ही काले झण्डे दिखाकर काला दिवस मनाया। इस दौरान सरकार से तत्काल पुरानी पेंशन बहाली मांग की। कर्मचारियों का कहना है कि यदि सरकार द्वारा इस मांग पर शीघ्र उचित निर्णय नहीं लिया जाता है तो आगामी विधानसभा चुनाव में सरकार को इसके घातक परिणाम भुगतने को तैयार रहना होगा। राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा जनपद इकाई चमोली के जिलाध्यक्ष श्री पूरन सिंह फरस्वान तथा जिला महासचिव श्री सतीश कुमार ने आज के विरोध कार्यक्रम में कर्मचारियों द्वारा बढ-चढ कर भाग लेने और कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी का आभार व्यक्त किया।
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