चमोली: सामरिक दृष्टिकोण से अति संवेदनशील भारत की सीमा से लगे जोशीमठ नीति मलारी सड़क तमक के पास लगातार चट्टान टूटने से पिछले 1 सप्ताह से अवरुद्ध हो गया है
भारत छीना सीमा के सीमांत गांवो में 500 से अधिक ग्रामीण सड़क खुलने का इंतजार कर रहे हैं लगातार मलवा टूटने का सिलसिला जारी होने के कारण बीआरओ को मार्ग खुलने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है
स्थानीय जनप्रतिनिधि लक्ष्मण सिंह का कहना है कि पिछले 1 सप्ताह से अधिक समय होने के बावजूद भी सड़क नहीं खुलने से अब बीमार बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं को अस्पताल तक पहुंचाना सबसे बड़ी चुनौती बन गया है वहीं धीरे-धीरे खाद्यान्न को लेकर भी लोग चिंतित हैं उन्होंने शासन और प्रशासन से क्षेत्र में व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए हेलीकॉप्टर सेवा की मांग की है लेकिन अभी तक शासन और प्रशासन की तरफ से हेलीकॉप्टर सेवा को लेकर किसी तरह की कार्यवाही नहीं की गई है और जिस तरह से मिट्टी मलारी हाईवे पर तमक के पास मलबे का ढेर लग गया है और लगातार चट्टान टूटने का सिलसिला जारी है उससे जल्द सड़क खुलने की संभावनाएं कम ही नजर आ रही हैं ऐसे में सीमांत गांव में फंसे लोगों की चिंताएं बढ़ना लाजमी है
छेत्र में तमक जुम्मा मलारी कागा, गरपक, रवींग, द्रोणागिरी, भाप कुंड कोसा, कैलाशपुर,कुरुगुटटी, मेहर गांव,फरकिया, बाम्पा, गमशाली,नीति गांवो का सम्पर्क टूट गया है।
इन गांवो के 76 लोग सुराई थोठा, फागती, तपोवन, जोशीमठ में आपातकालीन स्थितयो में ठहरे हुए है।
चुनोतियाँ
बीमारों को अस्पताल पहचाने की
गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों को सुरक्षित रखने की
खाद्यान्न की
संचार की
सामरिक दृष्टि कौण से भी यह छेत्र सवेदनशील ओर महत्वपूर्ण है। सेना के जवानों को भी सड़क बन्द होने से समस्याओं का सामना करना पढ़ रहा है।
प्रशासन एनडीआरएफ लगातार वैकल्पिक मार्ग खोजने की कोशिश कर रहे लेकिन सफलता हासिल नही हुई।
प्रशासन के सामने भी नीति मलारी सड़क को सुचारु करना एक चुनौती बना हुआ है उप जिलाधिकारी जोशीमठ कुमकुम जोशी और बीआरओ के अधिकारी लगातार क्षेत्र में नजर बनाए हुए हैं प्रशासन का कहना है कि तमक के पास के हालातों से शासन स्तर पर भी अवगत करवाया जा रहा है और जल्द समाधान हेतु हर स्तर पर कार्यवाही की जाएगी