बदरीनाथ राष्टीय राजमार्ग बाजपुर चमोली के पास चट्टान टूटने से अवरूद्ध हो गया,
इन दिनों पहाड के सडकें और इस पर चलने वाले राहगीत दोहरी मार झेल रहे हैं एक तरफ लगातार बारिस से सडक पर मलबा आने से सडक बंद वहीं चारधाम परियोजना के तहत सडक चैडीकरण का कार्य भी जानलेवा साबित हो रहा है। चमोली जिले की सीमा के अन्तर्गत अगर बात करें तो प्रशासन ने 37 सक्रीय स्लाइडिंग जोन चिंहित किये हैं।
राहगीरों की सुरक्षा को देखते हुए इन जगहों पर सुरक्षाकर्मी की तैनौती और अतिरिक्त मशीने मौजूद रहती हैं। लेकिन चारधाम परियोंजना के कार्य से कई एसे नये सक्रीय स्लाइड जाॅन तैयार हो गये जो जोखिम भरे बने हुए हैं। पहाडों में पहाडों के टूटने का सिलसिला और इससे सडक बंद होना एक आम बात रहती है लेकिन सडक चैडीकरण से यह मानव जनित समस्या बनने लगी है।
हालांकि प्रशासन का कहना है कि चमोली से नन्दप्रयाग के बीच अगर राष्टीय राजमार्ग अवरूद्ध हो जाता है तो इससे यातायात पर अधिक प्रभाव नहीं पडता है क्योंकि कोठियासेंण- नन्दप्रयाग मोटर मार्ग वैकल्पिक मार्ग के रूप में प्रयोग किया जा रहा है और ट्रेफिक सुचारू है।