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नन्दप्रयाग- घाट सडक आंदोलन पर मुख्यमंत्री ने सचिव लोकनिर्माण विभाग को परीक्षण के बाद कार्यवाही के दिये निर्देश

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नन्दप्रयाग- घाट सडक आंदोलन पर मुख्यमंत्री ने सचिव लोकनिर्माण विभाग को परीक्षण के बाद कार्यवाही के दिये निर्देश
चमोलीः विकास खण्ड घाट जनता द्वारा रविवार को मानव श्रंखला बना कर नन्दप्रयाग घाट सडक को डेढ लाइन बनाये जाने की मांग को लेकर किये गये एतिहासिक आंदोलन के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने सचिव लोक निर्माण विभाग को नन्दप्रयाग घाट सडक के चैडीकरण के लिए परीक्षण करने के निर्देश दिये। आंदोलन कारियों ने मुख्यमंत्री द्वारा नन्दप्रयाग घाट सडक को चैडीकरण के निर्देश दिये जाने को लेकर आंदोलन कारियों में मायूसी, डेढ लाइन सडक की मांग पर डटे रहे आंदोलनकारी।


नन्दप्रयाग घाट सडक केा डेढ लाइन बनाये जाने के लिए पिछले 38 दिनों से व्यापर संघ और टैक्सी यूनियन के नेतृत्व में स्थानीय लोग लगतार आंदोलन कर रहे हैं। रविवार को क्षेत्रीय जनता ने एक एतिहासिक आंदेालन कर सरकार के सामने अपनी मांग रखी जिसके बाद शासन और प्रशासन ने इस क्षेत्र की समस्या को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री ने घाट नन्दप्रयाग सडक के महत्व और क्षेत्र से जुडी हजारों की संख्या मे जन हित को देखते हुए सचिव लोक निर्माण विभाग को निर्देशित किया कि शीर्घ नन्दप्रयाग घाट सडक के चैडीकरण के लिए आवश्यक परीक्षण किया करते हुए कार्यवाही की जाय।

वहीं आंदोलनकारी मनोज कठेत अध्यक्ष टैक्सी यूनियन का कहना है कि वे मुख्यमंत्री द्वारा उनकी परेशानियों का संज्ञान लिया गया इसके लिए उन्होंने आभार व्यक्त किया लेकिन जिस तरह से मुख्य मंत्री द्वारा सडक को चैडीकरण करने के लिए सचिव लोकनिमार्ण विभाग को दिये गये हैं वह आंदोलन कारियों की मांग नहीं हें आंदोलन कारियों की एक ही मांग हैं सडक को डेढ लाइन किया जाय।
वहीं व्यापार संघ अध्यक्ष चरण सिंह का कहना हे कि सरकार ने नन्दप्रयाग घाट सडक का संज्ञान लिया है इसके लिए वे मुख्यमंत्री का धन्यववाद करते हैं लेकिन उनकी मांग डेढ लाइन सडक की है और जब तक यह मांग पूरी नहीं हो जाती तब तक आंदोलन यथावत चलता रहेगा।