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रजपाल बिष्ट और जगदीश पोखरियाल को मिला गौरा देवी सम्मान

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जोशीमठ: विश्व पर्यावरण दिवस पर चमोली की ऊर्गम घाटी में आयोजित 25 वें गौरा देवी पर्यावरण एवं प्रकृति पर्यटन विकास मेले में इस साल विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाले लोगों को गौरा देवी सम्मान प्रदान किया गया। वरिष्ठ पत्रकार एवं सामाजिक सरोकारों से जुड़े आमजन के मुद्दों जल, जंगल, जमीन, पर्यावरण जैसे मुद्दों को सदैव प्रमुखता से उठाने वाल रजपाल बिष्ट जी और वरिष्ठ पत्रकार जगदीश पोखरियाल, जो पत्रकारिता के साथ साथ सामाजिक सरोकारों से भी जुड़े हुये हैं को गौरा देवी सम्मान प्रदान किया गया।

रजपाल बिष्ट!

दर्जनों सम्मानों से सम्मानित वरिष्ठ पत्रकार रजपाल बिष्ट जी पत्रकारिता के शोध संस्थान है। पत्रकारिता का 4 दशकों का उनका अपार अनुभव बेजोड रहा है। पहाड़ और रजपाल बिष्ट जी एक दूसरे के पूरक हैं। उन्होंने अपनी लेखनी के माध्यम से पहाड़ की पीड़ा और आवाज को देश दुनिया तक पहुंचाया। उन्होंने सामाजिक सरोकारों से जुड़े आमजन के मुद्दों जल, जंगल, जमीन, पर्यावरण जैसे मुद्दों को सदैव प्रमुखता से उठाया। सीमांत जनपद चमोली मे रहकर भी देश की राजधानी तक इनकी खबरें लोगों को पहाड़ के प्रति सोचने को मजबूर कर देती है। उत्तराखंड आंदोलन से लेकर शराब विरोधी आंदोलन सहित जनआंदोलनो को उनकी कलम ने हमेशा गति दी। उनकी लेखनी असाधारण है। पत्रकारिता में 4 दशक के लंबे अनुभव के धनी रजपाल बिष्ट जी नें पत्रकारिता की शुरुआत 1982 में स्थानीय उत्तरी ध्रुव,देव भूमि से की। इसके बाद नवभारत टाइम्स , जन सत्ता, अमर उजाला, दैनिक जागरण के माध्यम से जनसरोकारो की पत्रकारिता के मिशन को आगे बढ़ाया। वर्तमान में राष्ट्रीय सहारा चमोली के ब्यूरो चीफ हैं।

जगदीश पोखरियाल!

लाइम लाइट से दूर बिना किसी शोर शराबे के चुपचाप अपनी बेजोड़ लेखनी से लोगो को अपना मुरीद बनाने वाले वरिष्ठ पत्रकार और समाजसेवी जगदीश पोखरियाल विगत 28 सालों से सीमांत जनपद चमोली के गोपेश्वर से पत्रकारिता को नयी ऊंचाई प्रदान कर रहे हैं। हर विषय पर गहरी पकड और सामाजिक सरोकारों से जुड़े मुद्दों को इन्होंने हमेशा अपनी लेखनी में जगह दी। 1992 में समाजशास्त्र से स्नाकोत्तर की डिग्री हासिल करने के बाद जगदीश पोखरियाल नें पत्रकारिता और समाजसेवा को अपना कैरियर चुना। वर्ष 1994 में हिमालय दर्पण से इन्होंने पत्रकारिता की शुरुआत की जिसके बाद 1996 से 2003 तक दैनिक जागरण, 2003 से 2007 तक पंजाब केसरी, 2007 से 2009 तक हिंदुस्तान में अपनी सेवाएं दी। 2010 से वर्तमान तक ये दबी जुंबा साप्ताहिक/त्रैमासिक और बेब पोर्टल के संपादक हैं। इसके अलावा ये 2005 से वर्तमान तक बद्री विशाल चमोली संवाददाता भी हैं। इसके अलावा विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में इनके लेख प्रकाशित होते रहते हैं।

इन्हें मिला सम्मान!

डाॅ मोहन कांडपाल, सुरेश भाई, स्व. गोपाल कृष्ण पांथरी (मरणोपरांत), स्व. चक्रधर तिवारी (मरणोपरांत), वरिष्ठ पत्रकार रजपाल बिष्ट, पत्रकार एवं समाजसेवी जगदीश पोखरियाल, रमेश कृषक, सीमा असवाल, ऊर्गम घाटी के युवा पत्रकार रघुवीर नेगी, फ्यूंलानारायण फ्रेंड्स ग्रुप, महिला मंगल दल सलना सहित अन्य लोगों को मिला गौरा देवी सम्मान।