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चौथान में बादल फटने, अतिवृष्टि से भारी नुकसान

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भीम सिंह रावत की खबर…….

पौड़ी जिले के सीमावर्ती क्षेत्र चौथान में बुधवार रात्रि में बादल फटने और अतिवृष्टि से भारी नुकसान हुआ है। तीन घंटे तक चली मूसलाधार बारिश से आधे दर्जन से अधिक गाँवो में मकानों और गौशालाओं को क्षति पहुंची है। बड़े पैमाने में फसल बर्बाद हुई है। रामनगर नागचुलाखाल मोटर मार्ग जगह जगह बंद है। प्रभावित क्षेत्र में बिजली आपूर्ति, इंटरनेट सेवा भी बार बार बाधित हो रही है। जिससे अभी क्षेत्र में हुए नुकसान की पूरी जानकारी नहीं मिल पायी है। प्रशासन ने हालात का प्रारम्भिक स्तर पर जायजा लिया है। ग्रामीण स्तर पर सर्वेक्षण बाकी है। अब तक किसी भी जनहानि अथवा पशु हानि की कोई सुचना नहीं है। पर घरों, खेतों, फसलों, रास्तों, सड़कों, पुलों को भारी नुकसान हुआ है।

थैलीसैंण तहसील में लगने वाली चौथान पट्टी में बुधवार की रात खौफनाक बीती। रात करीब डेढ़ बजे सुबह साढ़े चार बजे तक बेतहाशा बारिश हुई। बादलों की गर्जन, बिजली की कड़कड़ाहट के साथ तेज हवाएं भी चली। जिससे लोग रात भर सो नहीं पाए। सुबह होने पर जगह जगह से घरों, खेतों, गांव के पुलों, रास्तों, मुख्य मोटर मार्ग को हुए नुकसान के समाचार आने लगे। बुधवार दिन में भी क्षेत्र में रुक रुक तेज हल्की बारिश होती रही। सबसे ज्यादा नुकसान डुमणीकोट मल्ली-तल्ली, ड़डोली मल्ली, विरधूनी बाजार, बैसाणी और पंसतोड़ा गांव में हुआ है। वहीं पाठों, रिक्साल, शेरामांडे गांव से भी घरों, खेतों रास्तों को हुए नुकसान के समाचार मिल रहे हैं।

डुमणीकोट में फटा बादल

बुधवार रात दो बजे के करीब डुमणीकोट के टोप्या गदेरे के ऊपरी हिस्से में बादल फट गया जिससे भारी मात्रा में मलबा, पत्थर, चट्टान पौड़ी-चमोली-अल्मोड़ा जिले को जोड़ने वाले मुख्य सड़क मार्ग पर आ गया। घटना के कारण रामनगर-नागचुलाखाल बस सेवा और यातायात पूरी तरह ठप हो गया। मोटरमार्ग का बड़ा हिस्सा भी भूस्खलन की भेंट चढ़ गया।

भारी बारिश से स्थानीय गदेरे गढ़ी और खली में भी उफान आया जिससे दो पुलिया बह गई। खेतों में मलबा भर गया और देव सिंह, डुमणीकोट मल्ली के मकान, शौचालय का पुश्ता क्षतिग्रस्त हो गया। दूसरे घरों में मलबा जमा हो गया है। गांव प्रधान श्याम सिंह के अनुसार तीस से ज्यादा काश्तकारों की बीस नाली से अधिक जमीन पर फसल बर्बाद हो गई है। डुमणीकोट तल्ली में भीम सिंह, दौलत सिंह, गुसाईं सिंह के घरों, आँगन में दरारें आयी हैं वहीं प्रेम सिंह, भीम सिंह सरपंच की गौशाला और मकान खतरे की जद में आ गए हैं।

भीम सिंह सरपंच ने बताया कि गांव के नजदीक पुरे टोप्या गदरे में कई जगह रिवाड़ पड़ गई है। पेयजल लाइन बह गई है। गांव के रास्ते पूरी तरह नष्ट हो गए हैं। गांव के बुजुर्गों के अनुसार उन्होंने अपने जीवन में कभी इतनी बारिश नहीं देखी और अगर फिर से भारी बारिश हुई तो पुरे गांव में भारी नुकसान की प्रबल संभावना है। उन्होंने सरकार से आपदा के तहत तुरंत सुरक्षा और राहत कार्य शुरु करने की गुहार लगाई है।

बैसाणी गांव

पास के बैसाणी गांव में गदेरे में भी मूसलाधार बारिश से आये उफान से खेतों घरों में मलबा भर गया। गांव के गोपाल काला के घर, आँगन में मलबा, पानी भर जाने से नुकसान हुआ है। अन्य घरों के पुश्ते क्षतिग्रस्त हुए हैं।

मल्ली ड़डोली

बादल फटने से मल्ली ड़डोली का गदेरा भी रौद्र रूप में आ गया। गदेरे में आयी भयंकर गाढ़ से गांव की पुलिया बह गई। दो पेयजल स्रोत, तीन घराट नष्ट हो गए। ग्राम प्रधान गोविन्द सिंह के अनुसार गांव की लगभग डेढ़ सो नाली खेती पर धान, झुंगरा, कौदा की फसल खत्म हो गई है। गदेरे किनारे कई खेत बह गए हैं। ग्रामीण भुवान सिंह के घर, मंगुली देवी की गोशाला को नुकसान हुआ है। गांव के महेश मिश्रा ने बताया कि उनका मकान क्षतिग्रस्त हो गया है साथ में उनके कई खेत और फल के पेड़ नष्ट हो गए हैं।

विरधूनी

लगातार हुई बारिश से क्षेत्र के विरधूनी बाजार में जगह जगह मलबा आ गया है। मुख्य मोटर मार्ग का स्लैब उखड़ गया है जिससे आवागमन प्रभावित हो रहा है। बाजार में एक दुकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गयी है। भारी बारिश और नुकसान के चलते बाजार बुधवार को पूरी तरह बंद रहा। व्यापारियों ने तहसीलदार को आपदा को सूचना दे दी है और जल्द राहत कार्य करने की गुजारिश की है।

पंसतोड़ा, पाठों, रिक्साल

दूसरी ओर मल्ली डडोली के नीचे पंसतोड़ा गांव में भी घरों और गोशाला में मलबा आया है। घिमंडिया गांव क्षेत्र में नागचुलाखाल मोटर मार्ग पर अनेक स्थानों पर भूस्खलन हुआ है। कई जगह पुश्ते और पैराफीट बह गए हैं। पाठों गांव में सुरेंद्र चौधरी के मकान की दीवार टूट गई हैं और जगह जगह दरारे आ गई हैं। गणतखाल-ग्वाल्थी के बीच में मोटर मार्ग कई जगह टूट गया है। रिक्साल गांव में मोहन सिंह रावत का मकान और गोशाला पूरी तरह टूट गई है। क्षेत्र के कई गांवों में स्थानीय फसलों को बड़े पैमाने पर नुकसान की सुचना है।

आपदा प्रबंधन प्रयास नदारद

स्थानीय लोगों के अनुसार क्षेत्र में थैलीसैंण-गैरसैंण के बीच पचास किलोमीटर के दायरे में आपदा प्रबंधन, मौसम विभाग द्वारा एक भी वर्षा मापन यंत्र नहीं लगा है। क्षेत्र में सरकार द्वारा समय पर ख़राब मौसम की चेतावनी देने हेतु कोई व्यवस्था नहीं की गई है। आपदा बचाव के नाम पर देवराड़ी में बना एकमात्र टीनशेड जर्जर अवस्था में पड़ा है। इन सब का खामियाजा ग्रामीणों और किसानों को भुगतना पड़ता है। गौरतलब है कि धन सिंह रावत जो आपदा प्रबंधन मंत्री हैं यहां से वर्तमान में विधायक भी हैं। इससे पूर्व भी चौथान क्षेत्र में देवीय आपदा हो चुकी हैं। जून 2019 को मासों क्षेत्र में बादल फटने से भारी तबाही मची थी। परन्तु इन आपदाओं से कोई सबक नहीं लिया जा रहा है।