चमोलीः हिमाद संस्था द्वारा वनाधिकारी कानून व जैव विविधता कानून के साथ सरपंचो के अधिकार एवं ग्रामीणों के वनों में हकहकूक को लेकर कार्याशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ सिविल जज सीनियर डिवीजन/ सचिव जिलाविधिक सेवा प्राधिकरण सुमिरन कौर द्वारा किया गया।
शनिवार को जिला मुख्यालय गोपेश्वर में हिमाद संस्था द्वारा मण्डल घाटी के वन पंचायत सरपंचों और ग्राम सभा के जनप्रतिधियों के साथ वन पंचायतों के वनों को लेकर अधिकारी और वनों में ग्रामीणों काश्तकारी जीवन ओर हकहकूकों को लेकर जानकारी दी गई। जिसमें वन अधिनियम में हुए बदलाव और इसके प्रभाव और दुष्प्रभावों पर भी चर्चा की गई।
हिमाद संस्था के सचिव उमा शंकर बिष्ट ने गोष्ठी में बताया कि किस तरह से आज से पूर्व जंगलो को लेकर ग्रामीणों में अपना पन रहता था लेकिन वर्तमान समय में सख्त नियम कानूनों के कारण जंगलों के संरक्षण से आम जनमानस विमुख होता जा रहा है ं
वहंी इस दौरान संस्था की समन्वयक प्रभा रावत ने बताया कि वन पंचायत सरपंचों और जनप्रतिधियों को उनके अधिकारों और हकहकूकों की जानकारी देने के लिए गोष्ठी का आयोजन किया गया हैं ।
वहीं सिविल जज सीनियर डिवीजन/ सचिव जिलाविधिक सेवा प्राधिकरण सुमिरन कौर ने गोष्ठी में सभी जनप्रतिनिधियों और सरपंचों को कानूनी रूप से किस तरह से अपने अधिकारों के लिए लडा जा सकता है ंऔर कब ऐसी परस्थितियों होती है जब उन्हें कानून की मदद लेनी चाहिए। उन्होने बताया कि प्रशासन और जिम्मेदारी अधिकारी कर्मचारी जब अपने कर्तव्यों का निर्वहन नहीं करते हैं तब आम जनमास को स्वयं से या फिर विधिक सेवा प्राधिकरण के प्रतिनिधियों की मदद से भी न्याय के लिए लडा जा सकता है। इस दौरान संरपंच इंद्र सिंह, राजेश्वरी देवी, सरिता देवी, शांति देवी, लज्जू देवी, आरती देवी, आशा देवी, सरिता देवी, ईश्वर नेगी, धर्मानंद, शिव सिंह आदि मौजूद रहे।