देहरादून: उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में सहकारिता, खाद्य प्रसंस्करण, खेती और बागवानी सेक्टर में निवेश को लेकर आयोजित सत्र उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्रों में अधिकाधिक निवेश करने के आह्वान के साथ संपन्न हुआ। इस सत्र में खाद्य प्रसंस्करण को केन्द्र में रखते हुए प्रमुखता से चर्चा हुई। सहकारिता, खाद्य प्रसंस्करण, खेती और बागवानी सेक्टर में निवेश को लेकर आयोजित सत्र में बतौर प्रमुख वक्ता राज्य के कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि उत्तराखण्ड में उद्यमियों को बिजली कटौती व कमी जैसी समस्याओं से नहीं जूझना पड़ता है।
उन्होंने कहा कि यहां पर निवेश के लिए बेहतर व अनुकूल माहौल है। कृषि एवं बागवानी क्षेत्र को प्रोत्साहित कर राज्य की आर्थिकी को मजबूत किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि राज्य में सबसे उत्तम क्वालिटी के मिलेट उत्पादित होते हैं। उत्तराखंड देश में तीसरा सबसे बड़ा सेब उत्पादक राज्य है। उन्होंने बताया कि राज्य में बेमौसमी सब्जी, फलों एवं फूलों के उत्पादन के लिए पचास हजार पॉली हाऊस स्थापित कराए जा रहे हैं। जिसके चलते यहां पर फूड प्रोसेसिंग व उससे जुड़े क्षेत्र के विकास व निवेश की प्रचुर संभवनाएं हैं। कई उद्यमी इस सेक्टर में निवेश हेतु आगे आए हैं।
कार्यक्रम में राज्य के कैबिनेट मंत्री श्री सौरभ बुहुगुणा ने कहा कि राज्य की बहुसंख्यक आबादी की आजीविका पशुपालन, मत्स्य पालन तथा डेयरी विकास से जुड़ी है। राज्य के पर्वतीय क्षेत्र के 10 जिले के निवासियों का जीवन भी मुख्यतः इन्हीं सेक्टर्स पर निर्भर है। श्री बहुगुणा ने निवेशकों से पशुपालन, मत्स्य पालन तथा डेयरी विकास के क्षेत्र में आगे बढ़कर निवेश करने का आह्वान करते हुए कहा कि सप्लाई चेन व विपणन के क्षेत्र में भी निवेशक सरकार के प्रयासों में मददगार बन सकते हैं।
कार्यक्रम में खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय भारत सरकार के अपर सचिव सनोज कुमार झा ने खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में राज्य सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए उद्यमियों से राज्य में निवेश करने का आह्वान किया।
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