ऊखीमठ। द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर की चल उत्सव विग्रह डोली बृहस्पतिवार को दोपहर बाद पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर पहुंची। यहां पर हजारों की संख्या में मौजूद श्रद्धालुओं ने भगवान मद्महेश्वर के दर्शन किए। पुजारी टी. गंगाधर लिंग ने भगवान मद्महेश्वर की आरती और पूजा-अर्चना की। वेदपाठी विश्वमोहन जमलोकी, नवीन मैठाणी, यशोधर मैठाणी, मृत्युंजय हीरेमठ, आशाराम नौटियाल के वेद मंत्रोच्चारण के बीच भोग मूर्तियों को डोली से बाहर निकाला। पुजारी शिव शंकर लिंग, बागेश लिंग, गंगाधर लिंग एवं शिव लिंग द्वारा विधि-विधान के साथ भोग मूर्तियों को ओंकारेश्वर मंदिर के गर्भगृह में छह माह की शीतकालीन पूजा-अर्चना के लिए स्थापित किया गया। केदारनाथ के रावल के प्रतिनिधि के तौर पर मौजूद केदार लिंग ने डोली को सोने का छत्र पहनाया गया। धार्मिक परंपराओं को निर्वहन के बाद डोली ब्राह्मणखोली, मद्यूस्याली, डंगवाड़ी गांव होते हुए करीब 2 बजे ओंकारेश्वर मंदिर में पहुंची, जिस पर पूरा मंदिर परिसर बाबा के जयकारों से गूंज उठा। भक्तों ने पुष्प, अक्षत के साथ आराध्य की डोली का स्वागत किया। इस अवसर पर देवस्थान बोर्ड के अपर मुख्य कार्यधिकारी बीडी सिंह, ब्लॉक प्रमुख श्वेता पांडे, नगर पंचायत अध्यक्ष विजय राणा, पूर्व विधायक आशा नौटियाल, देवस्थानम बोर्ड के प्रशासनिक अधिकारी राजकुमार नौटियाल, मंदिर सुपरवाइजर युद्धवीर पुष्पवाण, डोली प्रभारी पारेश्वर त्रिवेदी, राजकुमार तिवारी, ग्राम प्रधान विजयपाल सिंह नेगी सहित क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि व गणमान्य लोग मौजूद थे। भगवान मद्महेश्वर के दर्शनों को दूर-दराज के श्रद्घालुओं के साथ ही तीर्थयात्री भी ओंकारेश्वर मंदिर पहुंचे हुए थे। भक्तों ने भगवान से मनौतियां मांगी
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