Home उत्तराखंड राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित ‘कुसुम’ का मायके मे फूल मालाओं से...

राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित ‘कुसुम’ का मायके मे फूल मालाओं से हुआ भव्य

15
0

प्रेरणादायक !
शिक्षक दिवस पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विज्ञान भवन नई दिल्ली में आयोजित समारोह में चमोली जिले की शिक्षिका कुसुमलता गडिया को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया। कुसुम का मायका गोपेश्वर में है जबकि ससुराल थराली ब्लॉक के जोला गांव में है। दिल्ली में राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार प्राप्त करने के बाद शिक्षिका कुसुम को पहले मुख्यमंत्री पुष्कर धामी, शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत सहित विभिन्न लोगों ने बधाई दी तो फिर विद्यालय पहुंचने पर ग्रामीणों और छात्र छात्राओं द्वारा भव्य स्वागत किया गया, जिसके बाद बद्रीनाथ विधायक लखपत बुटोला और लोकसभा प्रत्याशी गणेश गोदियाल द्वारा उनके घर पर जाकर सम्मानित किया गया और आज मायके में कुसुम का फूल मालाओं से भव्य स्वागत किया गया। देश में मायके का नाम रोशन करने पर किया कुसुम के मायके खुद को गौरवान्वित कर रहें है, और हो भी क्यों न क्योंकि उनकी बेटी ने देश के फलक पर अपने मायके का नाम रोशन जो किया है। कुसुम को उनके मायके गोपेश्वर के गोपीनाथ मंदिर में आयोजित सम्मान समारोह में सम्मानित किया गया। मंदिर परिसर में आयोजित समारोह में गोपेश्वर गांव के ग्रामीण, महिला मंगलदल, युवक मंगल दल, मंदिर समिति, प्रयाग दत्त भट्ट, गोपाल भट्ट, जनार्दन प्रसाद तिवाड़ी, शान्ति प्रसाद भट्ट, क्रान्ति भट्ट, महानन्द भट्ट, सत्येन्द्र असवाल, मनीष नेगी, धनराज सिंह नेगी, पुष्पा पासवान, सुशीला सेमवाल, चन्द्रकला सेमवाल, पुष्पा नेगी, मीना तिवाड़ी, विजया बिष्ट सहित अन्य ग्रामवासियों ने अपनी बेटी का स्वागत किया। ग्रामीणों ने कहा उन्हें अपनी बेटी पर नाज है।

आपको बताते चलें की कुसुम सीमांत जनपद चमोली के पोखरी ब्लॉक के राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बीणा में बतौर शिक्षिका के पद पर कार्यरत हैं। आज कुसुम का शिक्षा का वीणा माॅडल आज लोगों के लिए प्रेरणास्रोत बना हुआ है। शिक्षिका के भगीरथ प्रयासों, जिद, जुनून, मेहनत और ललक नें शिक्षा के मंदिर की तस्वीर बदल कर रख दी है। कुसुम 25 सालों से शिक्षा की अलख जला रही हैं।