हेलंग – जोतिर्मठ आदि गुरु शंकराश्चर्य अविमुक्तेश्वरानन्द हेलंग मारवाड़ी बायपास को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे जोशीमठ नगर वासियों के समर्थंन में धरना स्थल पर पहुचे।
लंबे समय से जोशीमठ आपदा का कहर झेल रहा है पहले ही शासन-प्रशासन राज्य और केंद्र सरकार की टीमें जोशीमठ आपदा प्रभावित क्षेत्रों की सर्वेक्षण करके चली गई है लेकिन अभी तक भी जोशीमठ नगर के पुनर्वास और वन टाइम सेटेलमेंट को लेकर कोई ठोस निर्णय नहीं हो पाया है
दूसरी ओर लंबे समय से हेलन मारवाड़ी बाईपास अधर में लटका हुआ था जिसे अब शासन और प्रशासन की ओर से शुरू करवा लिया गया है जोशीमठ के व्यापार संघ और कई राजनीतिक संगठन जोशीमठ के भविष्य को लेकर चिंतित हैं और उनका कहना है कि अगर हेलंग मारवाड़ी बाईपास का निर्माण होता है तो इस निर्माण के दौरान जो बड़ी मशीनें और ब्लास्ट प्रयोग में लाया जाएगा उससे कहीं न कहीं आपदा प्रभावित जोशीमठ को नुकसान हो सकता है दूसरी ओर उत्तर क्षेत्र के जगतगुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद जोशीमठ नगर की धार्मिक इतिहास को लेकर बताते हैं कि भगवान बद्री विशाल की यात्रा तभी पूर्ण मानी जाती है
जब श्रद्धालु जोशीमठ नगर को पार करते हुए जाएंगे जहां पर नरसिंह मंदिर नवदुर्गा मंदिर और आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी के दर्शनों के पश्चात लोग पहुंचते हैं मारवाड़ी बाईपास बनता है कहीं ना कहीं सरकार इस धार्मिक यात्रा को भी प्रभावित कर देगी ऐसे में मारवाड़ी बाईपास का काम जोशीमठ की जन भावनाओं को देखते हुए और इसके धार्मिक महत्व को देखते हुए रोक देना चाहिए