चमोली:वीर माधो सिंह भंडारी उत्तराखंड प्रौधोगिकी विश्वविद्यालय परिसर, गोपेश्वर में दिनांक 26 अप्रैल 2024 को विश्व बौद्धिक संपदा दिवस पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि संस्थान के निदेशक प्रो0 अमित अग्रवाल जी ने अपने उदघोष से किया और सभी छात्रो को पेटेंट प्राप्त करने के लाभों से अवगत कराया। उन्होंने सभी उपस्थित छात्र, छात्राओं एवं फैकल्टी मेंबर्स को संबोधित करते हुए कहा कि विश्व बौद्धिक संपदा दिवस 26 अप्रैल को मनाया जाता है और इस वर्ष का विषय आईपी और एसडीजी है: नवाचार और रचनात्मकता के साथ हमारे सामान्य भविष्य का निर्माण। उन्होंने इस सेमिनार श्रृंखला के प्रायोजन के लिए विशेषज्ञ और यूकॉस्ट को धन्यवाद दिया। यह श्रृंखला हमारे छात्रों और संकाय सदस्यों जैसे युवा दिमागों के बीच बौद्धिक संपदा, कॉपीराइट और ट्रेडमार्क के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए फायदेमंद है। इस अवसर पर महिला प्रौद्योगिकी संस्थान, देहरादून से विशेषज्ञ डा० अंकुर दुमका द्वारा बौद्धिक संपदा अधिकारों का परिचय और उनका उपयोग पर एक व्याख्यान दिया गया। डा० अंकुर दुमका उन्होंने अपने व्याखान में सभी छात्र, छात्राओं एवं फैकल्टी मेंबर्स के साथ पारस्परिक विचार-विमर्श करते हुए नवाचार और बौद्धिक संपदा के विषय में मार्गदर्शन किया और पेटेंट, कॉपीराइट के लिए प्रेरित किया । उन्होंने हृदयेश्वर सिंह भाटी के बारे में बताया जो कि एक भारतीय छात्र हैं जिन्होंने अपने पिता की सहायता से 9 साल की उम्र में शतरंज के छह-खिलाड़ियों वाले संस्करण का आविष्कार किया था, जिसके साथ ही वह 2012 में अपने आविष्कार के लिए पेटेंट हासिल किया, जिससे वह भारत में सबसे कम उम्र के पेटेंट धारक बन गए। इस व्याखान में संस्थान के सभी छात्र, छात्राओं एवं फैकल्टी मेंबर्स ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। संस्थान के IPR सेल समन्वयक, श्री विवेक उनियाल ने विश्व बौद्धिक संपदा दिवस कि बधाइयाँ देते हुए बताया कि यह एक सेमिनार सीरीज ऑन IPR, UCOST द्वारा प्रायोजित है। इस अवसर पर संस्थान के शिक्षक कु0 यशवी चंदोला, श्रीमती मोनिका बर्थवाल, कुलसचिव श्री संदीप कंडवाल व सभी छात्र-छात्रायें उपस्थित रहें।
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