चमोली : राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस पर प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सभी जनपदों में ऊर्जा संरक्षण की दिशा बेहतर कार्य करने वाली स्वयं सहायता समूह की महिलाओं, ऊर्जा दक्ष ग्राम प्रधानों एवं स्कूलों में ऊर्जा संरक्षण पर आधारित वाद-विवाद, निबंध एवं चित्रकला प्रतियोगिता में अब्बल रहे छात्र-छात्राओं से वीसी के माध्यम से सीधा संवाद करते हुए उन्हें सम्मानित किया। उन्होंने सभी को ऊर्जा संरक्षण दिवस की बधाई देते हुए कहा कि ऊर्जा की आवश्यकता लगातार बढ़ रही है। इसलिए ऊर्जा संरक्षण और ऊर्जा दक्षता के महत्व के बारे में जन जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ऊर्जा संरक्षण से जुड़ी महिला स्वयं सहायता समूहों को 50 हजार रुपये रिवालविंग फंड के रूप में देने की घोषणा भी की। इस अवसर मुख्यमंत्री की ओर से जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने जिले की महिला स्वयं सहायता समूह की हेमा देवी, विनिता देवी, अनिता देवी व ऊर्जा दक्ष ग्राम कठूड के ग्राम प्रधान लक्ष्मण सिंह कनवासी एवं जिला स्तर पर निबंध प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर सुबोध प्रेम विद्या मंदिर की छात्रा सिमरन नेगी, वाद-विवाद प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर श्रेयनेस कांडपाल तथा चित्रकला प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर जीजीआईसी गोपेश्वर की छात्रा सुहानी नेगी को मोमेंटो व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
ऊर्जा संरक्षण पर आधारित वाद.विवाद निबंध एवं चित्रकला प्रतियोगिता में अब्बल रहे छात्र.छात्राओं को मुख्यमंत्री ने किया सम्मानित
मुख्यमंत्री ने महिला स्वयं सहायता समूह के माध्यम से तैयार किए जा रहे एलईडी बल्व, टयूब लाईट, बिजली की लडियां आदि कार्यो की सराहना करते हुए आगे और भी बेहतर कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने अधिकारियों को जनपदों में स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को शादी-विवाह समारोह एवं अन्य आयोजनों के उपयोग की दृष्टिगत फेन्सी एलईडी लाइट, लैम्प, लडियां आदि बिजली के आईटम तैयार करने के लिए प्रशिक्षित एवं प्रेरित करने पर जोर दिया। कहा कि महिलाओं को कुंभ मेले में सजावट एवं कुंभ की थीम पर शुभेनियर बनाने, केदरानाथ-बद्रीनाथ एवं अन्य प्रमुख धामों के ओपनिंग पर सजावट के लिए बिजली की सुन्दर एलईडी लडियां बनाने हेतु प्रेरित किया जाए। ताकि ऊर्जा की बचत के साथ महिलाओं को अच्छी आमदनी हो सके। जिलों में ग्रोथ सेंटरों को बढावा देने के लिए मुख्यमंत्री ने स्थानीय स्कूलों की ड्रेस, नर्सेज, फारेस्ट गार्ड एवं अन्य यूनिफार्म तैयार करते हुए बिक्री कराने एवं एसएचजी की आवश्यकताओं की पूर्ति कराने को कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि मां-बहनों के सर से घास का बोझ हटाकर उन्हें उद्यमिता से जोड़ना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। इस दिशा में उन्होंने सभी से सुझाव भी देने को कहा। इस दौरान लक्ष्मी स्वयं सहायता समूह की हेमा देवी व राजराजेश्वरी स्वयं सहायता समूह की विनिता देवी ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि एलईडी बल्व तैयार कर उन्होंने 1.80 लाख की बिक्री की है। जिस पर मुख्यमंत्री ने खुशी व्यक्त करते हुए आगे और भी बेहतर कार्य के लिए प्रोत्साहित किया।
जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने मा0 मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को इंजीनियरिंग काॅलेज कोठियासैंण में एलईडी वल्ब बनाने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया गया है और स्वयं सहायता समूह की महिलाएं एलईडी बल्व, झालर, टयूब लाईट आदि आइटम तैयार कर बिक्रय कर रही है। जिससे उनको अच्छी आमदनी भी हो रही है। वीसी में मुख्य विकास अधिकारी हंसादत्त पांडे, डीडीओ सुमन बिष्ट, परियोजना अधिकारी उरेडा वाईएस बिष्ट, डीएस कुंवर, बीडीओ मोहन उप्रेती, एनआरएलएम के ब्लाक प्रबंधक मोहन सिंह नेगी, महिला स्वयं सहायता समूह की हेमा देवी, विनिता देवी, अनिता देवी व ऊर्जा दक्ष ग्राम प्रधान लक्ष्मण सिंह कनवासी, सुबोध प्रेम विद्या मंदिर के छात्रा सिमरन नेगी व श्रेयनेस कांडपाल आदि मौजूद थे।