आज एक बार फिर से चमोली जिले के द दूरस्थ क्षेत्र पाना गांव की तस्वीर सामने आई है जहां पर छाचरी देवी पत्नी शंकर सिंह के घुटनों में दिक्कत के चलते चलने फिरने में अक्षम होने के कारण ग्रामीणों ने कुर्सी पर बैठा कर 10 से 12 किलोमीटर पैदल पहुंचाया और जिसके बाद इलाज के लिए उन्हें अस्पताल ले जाया गया ऐसा नहीं है कि ऐसी पहली तस्वीर इस तरह की क्षेत्र से आई है ऐसा भी नहीं है कि इस क्षेत्र के लोगों का राजनीतिक दलों में हस्तक्षेप नहीं है ऐसा नहीं है कि यहां के क्षेत्र के लोगों की समस्या शासन और प्रशासन के सामने ना हो लेकिन समस्या यह है कि राजनीतिक दलों और शासन प्रशासन के जिम्मेदार लोगों के हस्तक्षेप के बाद भी इन गांवों के लोगों की समस्या के समाधान को लेकर गंभीरता और समय की सीमा है हमेशा कमी रही है कई बार पाणा इराणी क्षेत्र के लोग किसी घायल और बीमार को अस्पताल पहुंचाने की पहुंचाने की कोशिश करते है लेकिन विषम भौगोलिक परिस्थितियों और बहुत अधिक पैदल होने के चलते कई लोगों की जान कंधों पर ही चली जाती हैं अपनों को खोने वाले लोगों का कहना है कि उन्हें अब सरकारों और नेताओं से विश्वास उठता जा रहा है आलम यह है कि प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत निर्माणाधीन निज मुलाना ईरानी सड़क कछुआ चाल से निर्मित हो रही है और विभाग द्वारा कागजों में ईरानी तक सड़क बनी दिखा दी है लेकिन पुल न होने के चलते आज तक इस सड़क पर कोई वाहन नहीं जा पाया ऐसे में अब सवाल ये उठता है कि केवल कागजों में यह दिखाना की रानी गांव तक सड़क है क्या यहां के जिम्मेदार लोग क्यों यह सब समझते और जानते हुए भी आंख मूंदे बैठे हैं वर्तमान समय में व्हिच मुला घाटी के पाना ईरानी और गुना क्षेत्र के कई दिग्गज नेता मौजूद हैं जिनका सरकार में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से पूरा हस्तक्षेप रहता है इसके बावजूद भी ग्रामीण इस तरह की समस्याओं से हर दिन दो-चार हो रहे हैं
मनवर सिंह नेगी का कहना है कि विभागीय लापरवाही के चलते आज लोगो का इस तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।