देहरादून: राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की बैठक में प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट केदारनाथ रोपवे को मंजूरी मिल गई है। सोनप्रयाग से केदारनाथ के लिए करीब 13 किलोमीटर लंबे रोपवे के बनने से धाम तक की दूरी 30 मिनट में पूरी की जा सकेगी।
प्रमुख सचिव (वन) आरके सुधांशु के मुताबिक हेमकुंड साहिब रोपवे के लिए बोर्ड की अनुमति की जरूरत नहीं है। इसके लिए वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने पहले ही स्वीकृति दे रखी है। बोर्ड बैठक में यह प्रस्ताव रखा गया था ।
प्रमुख सचिव के मुताबिक दिल्ली में केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में सोनप्रयाग से केदारनाथ तक रोपवे निर्माण की अनुमति मिली है। वहीं गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तक बनने वाले रोपवे के लिए एनवायरमेंट क्लियरेंस की आवश्यकता नहीं है। हालांकि राज्य वन विभाग से इसकी अनुमति लेनी होगी। इसके बाद ही लगभग 12 किलोमीटर के इस रोप-वे का निर्माण शुरू हो सकेगा ।
वन भूमि हस्तांतरण को बोर्ड बैठक में मंजूरी मिली है। केदारनाथ धाम रोपवे के निर्माण में 1200 करोड़ व हेमकुंड साहिब से गोविंदघाट के लिए 850 करोड़ रुपये की लागत आएगी।