टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड द्वारा चमोली जिले में निर्माणाधीन विष्णुगाड़ पीपलकोटी जल विद्युत परियोजना का के तहत सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत ग्राम हेलंग में ग्रामीणो की लगातार मांग पर खेल मैदान एवं अन्य निर्माण कार्यों हेतु समतलीकरण का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। विदित है कि टीएचडीसी जिले में 444 मेगावाट की जलविद्युत परियोजना का निर्माण कर रही है। टीएचडीसी द्वारा सामाजिक दायित्वों के निर्वहन के क्रम में परियोजना क्षेत्र में आस-पास एवं अन्य स्थलों पर लगातार सामाजिक दायित्वों के निर्वहन के तहत सामाजिक उत्थान एवं जन सामान्य के जिविकोपार्जन हेतु विभिन्न योजनाओं पर कार्य किया जाता रहा है। हेलंग के जनप्रतिनिधियों द्वारा अवगत कराया गया की इस क्षेत्र में कोई भी समतल भूमि उपलब्ध न होने के कारन यहाँ पर उत्तराखंड शासन द्वारा प्रस्तावित विकास कार्य अवरुद्ध है और इसी क्रम में हेलंग ग्राम वासियों द्वारा जिला प्रशासन के माध्यम से हेलंग गांव के पास स्थित राजस्व भूमि पर समतलीकरण कर खेल मैदान एवं अन्य निर्माण कार्यो यथा पशुचिकित्सालय, मिनी सचिवालय आदि हेतु इस भू-भाग को तैयार करने हेतु प्रार्थना पत्र दिया गया था। यह भूमि मुख्य मार्ग से काफी नीचे होने के कारण इस पर भरान कर ही इसका समतलीकरण किया जाना सम्भव था। इस कारण टीएचडीसी द्वारा इसके निचले तल पर सुरक्षा दीवार लगाकर सुरक्षात्मक कार्य किया जाना प्रस्तावित है और साथ ही इसके ढलानों की एक निर्धारित ढाल पर संरक्षित कर ही यहां पर मैदान बनाना सम्भव है। समतलीकरण के उपरान्त इन ढलानों को उपचारित कर वृक्षारोपण भी किया जाना प्रस्तावित है। इस प्रकार क्षेत्रीय जनता की लम्बे समय से की जा रही मांग को जिला प्रशासन के निर्देश पर टीएचडीसी प्रशासन द्वारा इस भूमि पर समतलीकरण हेतु भरान की कार्यवाही शुरू कर दी गई है। इस कार्य में समस्त हेलंग वासियों द्वारा सहयोग प्रदान किया जा रहा है, किन्तु अब भी दो तीन परिवार इस कार्य का विरोध कर रहें है।
ग्राम सभा हेलंग के जनप्रतिनिधि एवं जिला प्रशासन लगातार इस भूमि के समतलीकरण के लिए टीएचडीसी को प्रस्ताव दिया। इस क्रम में विरोध कर रहे दो-तीन परिवारों से बातचीत की गई और जिला प्रशासन द्वारा भी इनको कई बार समझाया गया है। जिला प्रशासन के मुताबिक समस्त भूमि राजस्व अभिलेखो में उत्तराखण्ड शासन के नाम दर्ज है और ये परिवार इस भूमि पर अपना स्वामित्व बता रहे है। इस भूमि का जिला प्रशासन द्वारा मौका मुआयना करने के उपरान्त ही टीएचडीसी को समतलीकरण हेतु निर्देश जारी किये गये है। टीएचडीसी द्वारा अभी तक जो भी कार्यवाही इस क्षेत्र के समतलीकरण हेतु किये गये है उसमें किसी भी प्रकार से नियमों / कानूनों का उल्लंघन नहीं किया गया है। ग्राम सभा के जनप्रतिनिधियों द्वारा ही ग्रामवासियों के हितों को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन से आवश्यक सहयोग हेतु निवेदन किया जा रहा है, ताकि इस भूमि का समय पर समतलीकरण कर इस पर प्रस्तावित भवनों का निर्माण किया जा सके। टीएचडीसी प्रशासन का कहना है कि इस परियोजना के निर्माण के साथ-साथ आस-पास के क्षेत्र एवं लोगों का विकास ही हमारी प्रतिबद्धता है।
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