चमोली: कर्णप्रयाग विकास खंड के मैखुरा मोटर से कांचुला-गैन मोटर मार्ग स्वीकृत के 5 वर्ष बाद भी सड़क न बन पाने से नाराज ग्रामीणों ने सड़क नही तो वोट नही की चेतावनी देते हुए जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा।
वर्ष 2006 में स्वीकृत होने के बाद भी पांच साल बीत जाने के पर भी वर्तमान तक नहीं बन पाया है। जिससे आक्रोशित ग्रामीणों ने शुक्रवार को जिलाधिकारी चमोली के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर शीघ्र मोटर मार्ग पर कार्य शुरू करवाने की मांग की है अन्यथा ग्रामीण ने चेतावनी दी है कि सड़क नहीं तो वोट नहीं के नारे के साथ आंदोलन के लिए विवश होंगे।
जिला पंचायत सदस्य लक्ष्मण सिंह बिष्ट, सामाजिक कार्यकर्ता डा. डीएस पुंडीर का कहना है कि मैखुरा मोटर मार्ग से कांचुला-गैन मोटर मार्ग वर्ष 2006 में स्वीकृत हुआ था लेकिन मोटर मार्ग पर जंगल होने के कारण इस पर वर्ष 2018 में सैद्धांतिक स्वीकृति दी गई जिसके बाद फरवरी 2019 में कर्णप्रयाग के विधायक ने विधिवत इस मोटर मार्ग पर कार्य आरंभ करने का उद्घाटन किया। लेकिन दो किलोमीटर सड़क आधी अधूरी कटने के बाद कार्य बंद कर दिया गया। जबकि अभी चार किलोमीटर मोटर मार्ग बनना अवशेष है। उन्होंने कहा कि इस मोटर मार्ग के अभाव में ग्रामीणों को छह किलोमीटर पैदल चल अपनी रोजमर्रा की सामग्री पीठ पर लाद कर गांव तक पहुंचाने को मजबूर है। सबसे ज्यादा परेशानी तब होती है जब को बुजुर्ग बीमार हो अथवा किसी महिला का प्रसव होना हो ऐसी दशा में ग्रामीण उन्हें डंडी कंडी में लादकर सड़क मार्ग तक पहुंचाते है। उन्होंने कहा कि इस सड़क मार्ग के बनने से क्षेत्र के कांचुला, गनोली, बेरोढ, मोली समेत अन्य गांवों को लाभ मिल पाता। लेकिन सड़क के अभाव में इन गांवों का समूचित विकास नहीं हो पा रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री से सड़क निर्माण कार्य शुरू करवाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यदि शीघ्र ही सड़क निर्माण कार्य शुरू नहीं किया जाता है तो ग्रामीण रोड़ नहीं तो वोट नहीं नारे के साथ आंदोलन के लिए विवश होंगे। जिलाधिकारी को ज्ञापन देने वालों में अवतार सिंह, राजेंद्र सिंह पुंडीर, डा. डीएस पुंडीर, अब्बल सिंह, लक्ष्मण बिष्ट आदि शामिल थे।