एनआरएलएम के तहत स्वयं सहायता समूहों की ग्रामीण महिलाओं की आजीविका बढ़ाने के लिए आरसेटी द्वारा क्षेत्र में निरंतर कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, ताकि ग्रामीण परिवेश में महिलाओं की आर्थिकी और मजबूत बनाया जा सके। इस क्रम में ऊखीमठ ब्लाक के टूरिस्ट विलेज/ देवरियाताल के बेस कैंप सारी में आरसेटी रूद्रप्रयाग द्वारा ग्रामीण महिलाओंं की आजीविका को बढ़ाने के लिए जूट के कैरीबैग, मनीपर्स, लेडीज हैंड बैग, फोल्डर आदि के उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण गत 01 नवंबर से शुरू किया गया है। 13 नवंबर तक चलने वाले इस प्रशिक्षण में समूह की महिलाएं बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रही हैं। मास्टर ट्रेनर किरन नेगी द्वारा महिलाओं को जूट के विभिन्न प्रकार के उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण दे रही हैं। महिलाएं सिलाई मशीन से सिलकर जूट के कैरीबैग, मनीपर्स तैयार करने लग चुकी हैं। प्रशिक्षण को लेकर महिलाएं काफी उत्साहित दिखी।


इस दौरान एसबीआई ग्रामीण स्वरोजागार प्रशिक्षण संस्थान के निदेशक के.एस.रावत, सहायक खण्ड विकास जी.एल.आर्य, एलडीएम विवेक कुमार, सहायक निदेशक दुग्ध विकास एस.के. सिंह द्वारा कार्यक्रम में हिस्सा लेकर महिलाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया गया और स्वरोजगार की संभावनाओं पर भी उनके साथ चर्चा की। कहा कि प्रशिक्षण के बाद उन्हें रोजगार से जोड़ने का हर संभव प्रयास किया जाएगा। इसके साथ ही संबंधित अधिकारियों द्वारा विभागीय योजनाओं की भी जानकारी दी गई। प्रशिक्षण का उद्देश्य स्वयं सहायता समूहों की आजीविका संबर्धन एवं अधिक से अधिक महिलाओं को स्वरोजगार उपलब्ध कराना है।

संस्थान के संकाय सदस्य वीरेन्द्र बर्तवाल द्वारा उद्यमिता से जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारियां प्रशिक्षणार्थियों को दी जा रहीं है। मार्केटिंग, लक्ष्य निर्धारण, प्रवाहशाली संचार, व्यवसाय जोखिम उठाना आदि विषयों पर विस्तार से बताया जा रहा है। समूहों की 32 महिलाएं प्रशिक्षण ले रही हैं।