चमोली: राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय गोपेश्वर में शुक्रवार को गढ़वाली व्यंजनों की खुशबू महक उठी। “अपनी संस्कृति अपना खानपान” के तहत स्ववित्त पोषित बीएड विभाग द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में विविध प्रकार के स्थानीय व्यंजन पकाए गए।
कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए प्रभारी प्राचार्य प्रो एमके उनियाल ने कहा कि लोकसंस्कृति में खानपान शैली का विशेष योगदान है नई पीढ़ी को इस संबंध में जागरूक होना चाहिए।
कार्यक्रम संयोजक डॉ रमाकांत यादव ने कहा कि पाठ्येत्तर गतिविधि के अंतर्गत उत्तराखंड के विभिन्न प्रकार के पकवान एवम परिधानों का प्रदर्शन किया गया। प्रक्षिशुकों ने अलग अलग ग्रुप बनाकर व्यंजनों को प्रस्तुत किया। अन्नपूर्णा ग्रुप में अजय सेमवाल, कुमाऊनी रसोई में मनीषा, पहाड़ी चटकारा में पूनम, अपडू खाणु अपणू पीणू में तनूजा ग्रुप लीडर के रूप में रहे तथा छात्र छात्राओं ने उत्तराखंड गड़वाली एवम कुमाऊनी खाना की परंपरागत परिधान में प्रदर्शनी लगाई।
इस अवसर पर डा. नाभेंद्र सिंह गुसाई, डा रुपिन कंडारी, डा. बबीता, डा समीक्षा, प्रो. चंद्रावती जोशी, डा. मनीष डंगवाल, डा.अखिलेश कुकरेती आदि उपस्थित रहे।