चमोलीः 4 और 5 अगस्त को नगरपालिका गोपेश्वर के सगर गांव की सीमा में आवाजाही पूर्ण रूप से प्रतिबंधित रहेगी। आयोजन को लेकर ग्रामीणों की ओर से पूर्व में ही प्रशासन को लिखित रूप से करवाया गया है। राजा सगर की तपस्थली सगर गाँव मे राजा की आराध्य देवी माँ चंडिका देवी की 100वर्षों बाद आयोजित हो रही देवरा यात्रा को लेकर तैयारियां शुरू हो गयी है, इस कार्यक्रम के आयोजन से पूर्व गांव की सीमा क्षेत्र में 24 घण्टे के लिए आवाजाही पूर्ण रूप से प्रतिबंधित रहेगी। जगमोहर सिंह बिष्ट अद्यक्षत चंडिका मन्दिर समिति सगर ने बताया कि यह आयोजन लगभग 100 वर्ष बाद हो रहा है जिसके लिए सगर गांव के साथ साथ आस पास के सभी गांवों का सहयोग है। वहीं सचिव सतेन्द्र सिंह ने बतायसा कि माता की देवरा यात्रा चुनौती पूर्ण धार्मिक आयोजन है लेकिन मां की आस्था और विश्वास से सभी चुनौतियां आसान हो जाती है। देवरायात्रा का आयोजन अक्टूबर माह में प्रस्तावित है जिसके लिए पूर्व में गांव की सीमा को लेकर एक धार्मिक विधान है जिसमें 24 घण्टे तक इस रक्षा सूत्र (किलबंधन) को लांघना अशुभ माना जाता है, यह धार्मिक प्रक्रिया अत्यन्त महत्वपूर्ण होती है जिसकी गंभीरता को देखते हुए 4एवं 5 अगस्त को सगर गांव की सभी सीमाएं पूर्ण रूप से सील रहेंगी न कोई गांव की सीमा में आ सकता है न ही कोई गांव से बाहर जा सकता है। क्षेत्र की सुख समृद्धि के लिए 100वर्षाें के लम्बे अंतराल के बाद मॉ चण्डिका की देवरा यात्रा आयेाजित की जा रही है।, यह सूचना इस लिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि सगर गांव से केदारनाथ तुंगनाथ, चतुर्थ केदार रुद्रनाथ अनुसूया माता मन्दिर जाने का मुख्य मार्ग है
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