चमोली : पोखरी विकासखंड के दूरस्थ गांव डाडो कलसीर में किशोरी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत मामले में 20 दिन बाद हत्या की बात सामने आई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इसकी पुष्टि होने पर पुलिस अधीक्षक ने इसे गंभीरता से लिया है। स्वजन की चुप्पी और पुलिस की लापरवाही पर सवाल उठाते हुए उन्होंने थानाध्यक्ष मनोज सिरोला और सब इंस्पेक्टर प्रशांत को निलंबित कर दिया है। हत्या का मुकदमा दर्ज कर पुलिस अब आनर किलिंग और अन्य एंगल से भी इस मामले की जांच कर रही है।
डाडो कलसीर गांव की 17 वर्षीय अर्चना का शव चार सितंबर को गोशाला में पड़ा मिला था।पुलिस ने इसे सामान्य घटना मानकर शव का पोस्टमार्टम किया था। इसके बाद पैरवी के लिए न तो किशोरी के स्वजन आगे आए और ना ही पुलिस ने जांच में कोई सक्रियता दिखाई। जब पोस्टमार्टम रिपोर्ट पुलिस अधीक्षक (एसपी) सर्वेश पंवार के पास आई तो गला दबाकर हत्या का मामला सामने आया। इसके बाद पुलिस अधीक्षक ने स्वयं मौके पर जाकर निरीक्षण किया। घटना वाले दिन की पूरी स्थिति को समझा। उन्हें बताया गया कि अर्चना के पिता रामकिशोर खेती करते हैं। अर्चना 12वीं तक पढ़ी थी। एसपी ने कहा कि मौत के बाद स्वजन की चुप्पी सवाल खड़े कर रही है। पुलिस भी शुरू से ही इसको लेकर लापरवाह रही है। हत्या के कारणों की जांच की जा रही है। एसएसआइ देवेंद्र पंत को पोखरी का नया थानाध्यक्ष बनाया गया है।
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