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कौन थे मोहन थपलियाल

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श्री बदरीनाथ—केदारनाथ मंदिर समिति के निवर्तमान अध्यक्ष मोहन प्रसाद थपलियाल चमोली की  की राजनिति की धुरी रहे और कद्दावर नेता के रूप में उभरे ग्राम प्रधान से अपनी राजनीति का सफर प्रारंभ करते हुये मोहन प्रसाद थपलियाल बीजेपी के सर्वमान्य नेता के रूप मे उभरे अभी राजनैतिक रूप से अभी उनमे काफी सम्भावनये थी लेकिन असमय हुयी इस दुर्घटना मे उनके जीवन यात्रा पर तो विराम लगाया ही उन सभी सम्भावनाओ पर भी विराम लगा दिया । बीजेपी के अश्वमेघ यग्य के ध्वज वाहक की भूमिका मे भी थे मोहन प्रसाद थपलियाल ।
जोशीमठ ब्लाक के तपोवन गांव के मोहन  प्रसाद थपलियाल ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरू आत ग्राम प्रधान से की थी। वर्ष 1988 से 1996 तक वे तपोवन के प्रधान रहे। इसके बाद उन्होने पीछे मुड कर नही देखा। ये नवंबर 1996 में वे जिला पंचायत चमोली के सदस्य पद पर निर्वाचित हुए। इस तरह वर्ष 1996 से 2002 तक वे जिला पंचायत के सदस्य रहे। कांग्रेस के साथ अपने राजनैतिक सफर प्रारंभ करने के बावजूद इन्होने बीजेपी का दामन थामा  वर्ष 1999 में तत्कालीन जिला पंचायत अध्यक्ष आनंद सिंह रावत ने  थपलियाल को सांसद भुवन चंद्र खंडूड़ी के सामने उन्होने भाजपा की सदस्यता ग्रहण करायी इस वक्त तत्कालीन बीजेपी विधायक केदार सिह फोनिया का भी उन्हे भरपूर सहयोग मिला। भाजपा मे अपनी नेतृत्व छमता के बल पर और लगातार भाजपा मे कार्य करते हुये उन्हें नवंबर 2015 में जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई । उस वक्त कांग्रेस की सत्ता होने के बावजूद भी उन्होने मजबूत संगठनात्मक ढाचा खडा किया परिणाम स्वरूप  चमोली की तीनों विधान सभा सीटे जिसमे  बद्रीनाथ सीट जो कांग्रेस की अजेय सीट मानी जा रही थी वो भी  भाजपा की झोली मे आ गयी।  इस बीच सितंबर 2017 में भाजपा मे भाजपा ने पुन  थपलियाल पर भरोसा जताया कर भाजपा नेतृत्व ने थपलियाल का जिलाध्यक्ष का  पद बरकरार रखा । वर्ष 2018 के फरवरी माह में थराली विधायक मगन लाल शाह के आकस्मिक निधन के बाद  हुये उपचुनाव ने टफ मानी जा रही सीट पर बीजेपी की विजय पताका फहराई  । प्रदेश के शीर्ष नेतृत्व ने महोन प्रसाद थपलियाल को उनकी पार्टी की सेवा के एवज मे  श्री बदरीनाथ—केदारनाथ मंदिर समिति के  अध्यक्ष पद से नवाजा  दिसंबर 2018 में दायित्व मिला। बीकेटीसी अध्यक्ष बनने के बाद भी एक व्यक्ति एक पद की नीति को दर किनार कर पार्टी ने लम्बे समय तक बीजेपी जिला अध्यक्ष और बीकेटीसी अध्यक्ष पद का दायित्व दिया । फिर पंचायत चुनाव आए तो उनकी जिलाध्यक्ष की कुर्सी बरकरार रही। दिसम्बर मे बीजेपी जिलाध्यक्ष की कमान रघुवीर बिष्ट को सौपी गई  वह बीकेटीसी के अध्यक्ष पद पर बने रहे। इसके चलते ही उन्हें बदरीनाथ विधान सभा से विधायक के दावेदारों में सुमार किया जाने लगा था। राजनीतिक सफर में कब क्या हो जाए कहा नहीं जा सकता। यही वजह है कि इस बीच वर्ष 2020 में सरकार उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड को अस्तित्व में ला गई और 81 साल की बीकेटीसी को बोर्ड में समाहित कर लिया गया। बीकेटीसी के भंग होने पर उनका अध्यक्ष पद भी नही रहा  इस तरह वह जनवरी 2020 तक ही बीकेटीसी के अध्यक्ष रहे। संयोग ही कहा जाय के जीवन के अंतिम साल मे उनके पास ना कोई पद था ना दायित्व कुछ समय पूर्व ही उन्हे भाजपा प्रदेश कार्य समिति के सदस्य पद पर नामित किया गया लम्बे समय तक शांत बैठे थपलियाल एक बार फिर सक्रिय हो गये और पार्टी के कार्यक्रमो मे अपना योग दान देने लगे शनिवार को भी ले  भाजपा मंडल प्रशिक्षण वर्ग की बैठक में शामिल होकर अपने घर तपोवन लौट रहे थे लेकिन पीपलकोटी के समीप कार समेत दुर्घटना के शिकार होने के चलते अब इस दुनिया में नहीं रहे।