चमोलीः उत्तराखण्ड के चारधामों में श्रद्धालुओं के दर्शनों के लिए बाध्यता हटी, नैनीताल हाईकोर्ट ने फैसला देते हुए कहा संख्या की बाध्यता भले हटी हो लेकिन कोविड गाइड लाइन के नियमों को पालन करना होगा।
18सितम्बर को कोर्ट के आदेशानुसार सरकार द्वारा चारधाम यात्रा शुरू की गई थी जिसमें अलग शर्तों के अुनसार यात्रा शुरू हुइ थी, धामों में ई पास की अनिवार्यता, संख्या की सीमितता, के कारण चारधाम यात्रा पर आये श्रद्धालुओं को खासी दिक्कतों का सामना करना पड रहा था, और कई श्रद्धालू मीलों दूर पहुचकर बिना दर्शन के लिए लौट रहे थे जिससे देश भर में गलत संदशे जारहा था, वहीं चारधामों से जुडे स्थानीय व्यवसायी और कारोबारियांे ने इस तरह की बंदिशों के साथ शुरू हुई यात्रा का विरोध किया और ईपास की बाध्यता समाप्त करने को लेकर आंदोलन शुरू किया था।
मंगलवार केा चारधामों में श्रद्धलुओं की संख्या और ई पास की बाध्यता हटाने वाले कोर्ट के फैसले से जहंा श्रद्धालुओं मंे खुशी है वहीं उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी हाईकोर्ट का अभार जताया है।
बदरीश संघर्ष समिति के राजेश मेहता का कहना है कि चारधाम यात्रा केवल धार्मिक यात्रा नहीं है यह यात्रा चारधाम से जुडे लोगों की आजिविका की रीढ भी है। और आम श्रद्धालू जब भगवान के दर्शनों को पहुंचेगा तो इसका सीधा प्रभाव बाजार पर भी पडता है। इसलिए वे हाईकोर्ट का अभार व्यक्त करते हैं।
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