Home उत्तराखंड रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ एनएसएस शिविर का हुआ समापन

रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ एनएसएस शिविर का हुआ समापन

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राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय गोपेश्वर चमोली के राष्ट्रीय सेवा योजना के सात दिवसीय विशेष शिविर में छात्र-छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति के साथ ही समापन हो गया है।

सांस्कृतिक प्रतियोगिता 7 ग्रुप के बीच में कराई गई जिसमें कैलगंगा ग्रुप , पिंडर गंगा, नंदा गंगा ,धौलीगंगा ग्रुप ,बिरही गंगा, ग्रुप, बाल गंगा, दूधगंगा ग्रुपों के बीच आयोजित की गई।
इन प्रतियोगिताओं में निर्णायक मंडल के रूप में भोला दत्त सती, डॉ जेपी नौटियाल, अतुल बर्थवाल ने सहयोग प्रदान किया।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में संस्कृत महाविद्यालय मंडल के प्रधानाचार्य जेपी सेमवाल ने छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि आज हम अपने संस्कार व संस्कृति को भूलते जा रहे हैं जिसे हमें बचाने की आवश्यकता है।

मुख्य निर्णायक मंडल के रूप में डॉक्टर जे पी नौटियाल ने छात्र छात्राओं को राष्ट्रीय सेवा योजना के तहत सर्वांगीण विकास करना बताया।

कार्यक्रम में सभी अतिथिगणों का स्वागत एवं धन्यवाद करते हुए एनएसएस के वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी डॉ भालचंद सिंह नेगी ने कहा कि राष्ट्रीय सेवा का मतलब केवल श्रमदान करना मात्र नहीं है राष्ट्रीय सेवा योजना के द्वारा जन जागरूकता के कार्यक्रमों के साथ-साथ सभी छात्रों का बौद्धिक विकास और व्यवहारिक विकास के साथ-साथ सांस्कृतिक विकास करना भी है।

सांस्कृतिक कार्यक्रम को देखने के लिए मंडल घाटी के व्यौमेश्वर गांव, कुनकुली, सिरौली, बरांगना, गौणी, मंडल आदि गांव से बड़ी संख्या में आकार राष्ट्रीय सेवा योजना के छात्रों का उत्साहवर्धन करने का कार्य किया

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में
सिरौली ग्राम पंचायत की प्रधान आरती देवी और क्षेत्र पंचायत सदस्य राकेश लाल ने संबोधन प्रस्तुत किया।

प्रतियोगिताओं में सामूहिक नृत्य में नंदाकिनी प्रथम स्थान पर, विरही गंगा कल्पना पवार ग्रुप द्वितीय स्थान, बाल गंगा अमृता ग्रुप तृतीय स्थान पर, एकल नृत्य में विरही प्रथम व बालगंगा द्वितीय स्थान धौलीगंगा तृतीय स्थान ,सामूहिक गीत कैल गंगा ग्रुप प्रथम स्थान, बाल गंगा ग्रुप दूसरे स्थान पर ,और पिण्डर तीसरे स्थान पर एकल गीत मैं कैल गंगा प्रथम, नंदाकिनी द्वितीय स्थान और धौलीगंगा तृतीय स्थान पर रही संपूर्ण कार्यक्रम का संचालन डा रचना टम्टा एवं डॉ वंदना लोहानी द्वारा किया गया।