चमोली: जलकलश यात्रा और विधि विधान के साथ पांडुकेश्वर में भगवान कुबेर देवता का महायज्ञ का भव्य शुभारंभ हो गया है। यह धार्मिक आयोजन 7 दिनों तक चलेगा 14 फरवरी को कार्यक्रम का समापन होगा।
भगवान बद्री विशाल के शीतकालीन धाम पांडुकेश्वर में सात दिवसीय कुबेर महोत्सव का आयोजन किया गया है स्थानीय लोगों ने बताया कि भगवान कुबेर के नवनिर्मित मंदिर के बाद देवरा महोत्सव का आयोजन किया गया है ,यह आयोजन 12 वर्षों बाद हो रहा है इस आयोजन में भगवान कुबेर की मूर्ति को उनके नवनिर्मित मंदिर में स्थापित की गई ।
पूर्व धर्म अधिकारी बद्रीनाथ मंदिर भुवन चंद्र उनियाल बताते हैं कि कुबेर देवता स्थानीय लोगों के आराध्य देव है। बद्रीनाथ यात्रा के दौरान ग्रीष्मकल में कुबेर जी की चलविग्रह डोली बद्रीनाथ धाम में विराजमान रहती हैं भगवान के नवनिर्मित मंदिर मैं कुबेर की मूर्ति स्थापना के बाद यह महायज्ञ किया गया है।
वहीं स्थानीय निवासी बताते हैं कि कुबेर भगवान की नया मंदिर निर्माण के बाद यह महोत्सव आयोजित किया जा रहा है इस महोत्सव में विभिन्न तरह की विधि विधान के साथ पूजा अर्चनाएं होगी वहीं स्थानीय संस्कृति की भी झलक देखने को मिलेगी