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सडक की आस में ग्रामीण, लोगों क जान बचाने की जिम्मेदारी अपने ही कंधों पर

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चमोलीः सरकारें विकास के लाख दावे करती हों लेकिन जनपद चमोली के कुछ गांवों की तस्वीरें दावों की पोल खोलकर रख देती है, बुधवार को उत्तराखण्ड की ग्रीष्म कालीन राजीधानी गैरसेंण के दूरस्थ क्षेत्र तवाखेत से आई जिसमें महिलाएं एक घायल व्यक्ति को कंधों पर उठाकर अस्पताल पहुंचा रही हैं। जानकारी के अनुसार गांव के भागवत सिंह का कुछ समय पूर्व दुर्घटना में एक पांव टूट गया थ जिनका इलाज ऋषिकेश से चल रहा है घायल को वक्त वक्त पर अस्पताल पहुंचाने के लिए ग्रामीणों को उन्हें कंधे पर उठाकर तीन से चार किलोमीटर की दूर तय कर मालकोट सडक तक पहुंचाते हैं, इस गांव के लिए ऐसी चुनौतियां आम हैं, जब जब कोई बीमार या घायल हो जाता है उसकी जान बचाने के लिए इसी तरह की मुश्किलों को पार पाकर ग्रामीण उन्हें अस्पताल पहुंचाते हैं।
गांव को सडक से जोडने के लिए योजना स्वीकृत तो हुई है लेकिन वर्तमान समय तक भी गांव को इसका लाभ न मिल पाने के चलते ग्रामीणों को परेशानियों को सामना करना पडता है। इस दौरान महिला मंगल दल अध्यक्ष लीला देवी, हेमा बिष्ट, लक्ष्मी देवी, गंगा देवी, काशी देवी, कमला देवी, युवा एवं बुजुर्ग मौजूद रहे।