मुख्य सचिव ने स्पष्ट किया कि ईको सेंसिटिव जोन की परिधि में तत्काल सुरक्षात्मक और उपचारात्मक कार्य किए जा सकते हैं।
उन्होंने सिंचाई विभाग, संबंधित विभागों और एजेंसियों को नदी से सटे क्षेत्र में बाढ़ नियंत्रण और अन्य सुरक्षात्मक कार्यों को करने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने गैर कृषि और व्यवसायिक गतिविधियों की अनुमतियों के संबंध में जिलाधिकारी उत्तरकाशी और संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि इस संबंध में संबंधित जोनल मास्टर प्लान, पर्यावरण और जैव विविधता से जुड़े विभिन्न प्रावधानों का व्यापक अध्ययन कर लें। इस संबंध में यदि IIT रुड़की/ हाइड्रोलॉजी संस्थान/वाडिया जैसे संस्थानों के वैज्ञानिक अध्ययन की आवश्यकता अपेक्षित होती है तो उसको भी प्लान में शामिल करें।
मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि निगरानी समिति की अगली बैठक में क्षेत्र के जोनल मास्टर प्लान के साथ-साथ यदि किसी व्यवसायिक गतिविधि की अनुमति की आवश्यकता हो तो संबंधित प्रावधान तथा संबंधित नियामकीय निकाय की NOC इत्यादि का संपूर्ण विवरण बैठक में प्रस्तुत करें।
उन्होंने जोन में Solid Waste Management के संबंध में विभिन्न विभागों और एजेंसियों से समन्वय स्थापित करते हुए धरातलीय स्थिति के अनुरूप प्लान बनाकर अगली बैठक में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने कहा कि समिति के सदस्य और संबंधित विभागों और एजेंसियों के अधिकारी निर्धारित की गई साइट का स्थलीय निरीक्षण करने के लिए तिथि निर्धारित करें।
बैठक में प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, स्वतंत्र सदस्य राज्य निगरानी समिति मलिका भनोत, जिलाधिकारी उत्तरकाशी प्रशांत आर्य,
निदेशक UTDB (infrastructure) श्री दीपक खंडूड़ी, अधिशासी अभियंता सिंचाई विभाग संजय राय सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।








