चमोलीः इन दिनों सीमान्त जनपद पौडी, चमोली, रूद्रप्रयाग में भालू और गुलदार आतंक के प्रयाय बने हुए हैं आये दिन भालू के हमले की घटनाओं से लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ हैं, लोग शाम होने से पहले अपने घरों में दुबकने को मजबूर हो गये हैं। वन्य जीवों के हमलों से अपनों की संरक्षण को लेकर शासन प्रशासन के सामने आनी नाराजगी दिखा रहे हैं, वन विभाग के सामने भी भालूओं एवं गुलदार के हमलों से लोगों की सुरक्षा करना चुनौती पूर्ण बना हुआ हैं।
जनपद चमेाली में इस वर्ष भालूओं की बढी संख्या से आश्चार्य में हैं जनपद में हर गांव गल्ली में भालू देखे जा रहे हैं जो रहस्य का विषय बना हुआ है, वन विभाग भी संख्या को लेकर स्पष्ट जानकारी नही दे पा रहा है। जोशीमठ, गोपेश्वर एंव कर्णप्रयाग में रिहायशी क्षेत्रो में भालू घूमते देखे जा रहे हैं। लोगों के घर आंगन में भालू की चहल कदमी ने लोगों की मुश्किलें बढा दी हैं। बदनीथ एवं केदार नाथ वन प्रभाग में भालू के हमलों में अब तक 4लोगों की मौत हो चकी हें 21 से अधिक लोग घायल हो गये हैं वहीं गौशालाओं को क्षतिग्रसत कर मवेशियों को मारने एवं घायल किये जाने के आंकडो सैकडों में हैं।
लोगों को अपनी काश्तकारी के लिए जाना मुश्किल हो गया हैं। बच्चों को स्कूल भेजने में जान का खतरा बना हुआ हैं।
बदरीनाथ विधायक लखपत बुटोला ने सरकार एवं सिस्टम पर घोर नाराजगी जताते हुए कहा कि भालू गुलदार के हमलों से लोगों की सुरक्षा के लिए कोई ठोस योजना नहीं है जिससे वन्य जीवों के हमलों से लोगों केा खतरा बढता जा रहा है। उन्होने यह भी कहा कि जो भालू पहाडों में पाये जाते हैं उनके बालों की बनावट अलग रहती है जो वर्तमान समय में चमोली के विभिन्न क्षेत्रों में देखे जा रहे हैं उनकी बनावट भिन्न हे एसे में उन्हें संदेह है कि ये भालू अन्यत्र जगहों से लोकर पहाडों में छोडे गये है।
वहीं प्रभागी वन अधिकारी चमोली सर्वेश कुमार दुबे का कहना है कि विभाग ने लोगों की सुरक्षा के लिए सभी संसाधन झोंक दिये हैं रात रात तक प्रभावित क्षेत्रों में गश्त दी जा रही है गांव गांव जाकर लोगों को जागरूक करते हुए अपील की जा रही है।
Sign in
Welcome! Log into your account
Forgot your password? Get help
Password recovery
Recover your password
A password will be e-mailed to you.








