Home आलोचना शौर्य दिवस पर अमर शहीद हिम्मत सिंह को भूला प्रशासन!

शौर्य दिवस पर अमर शहीद हिम्मत सिंह को भूला प्रशासन!

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गोपेश्वर। कारगिल शौर्य दिवस पर 26 जुलाई को जिला प्रशासन एवं सैनिक कल्याण बोर्ड द्वारा आयोजित शहीद सम्मान समारोह में जिले के पहले कारगिल शहीद हिम्मत सिंह नेगी के परिजनों को बुलाना जिला प्रशासन भूल गया। अमर शहीद हिम्मत सिंह के परिजनों को समारोह में नही बुलाएं जाने पर अब जिला प्रशासन ने भी संज्ञान लेते हुए इस तरह की चूक भविष्य में न करने की हिदायत संबंधित अधिकारियों को दी है। जिला प्रशासन ने भी इस घटना पर कड़ी नाराजगी जताते हुए इसे शहीदों एवं उनके परिजनों का अपमान बताया है। इस मामले के प्रकाश में आने के बाद अपर जिलाधिकारी चमोली ने जिला सैनिक कल्याण अधिकारी को कड़ा पत्र लिखा है।
ज्ञातव्य है कि कारगिल युद्ध के दौरान चमोली जिले के विकासखंड नंदानगर (घाट) के बांसवाड़ा निवासी अविवाहित सैनिक शहीद हिम्मत सिंह नेगी ने जिले से पहली शहादत दी थी। शहीद के बड़े भाई विक्रम सिंह नेगी, भाभी उमा देवी ने बताया कि गत वर्षों तक जिला मुख्यालय में शौर्य दिवस पर उनकी माता एवं सभी परिजनों को आमंत्रित किया जाता था। गत वर्ष शहीद की माता का भी देहांत हों गया है।
इस वर्ष गत 26 जुलाई को जिला मुख्यालय में आयोजित शहीद सम्मान समारोह में शहीद के किसी भी परिजन को प्रशासन के द्वारा आमंत्रित तक नही किया गया था। जबकि बीते वर्षों बकायदा प्रशासन के द्वारा वाहन लेने एवं वापसी के लिए भेजा जाता था। किंतु प्रशासन एवं सैनिक कल्याण बोर्ड के द्वारा की गई उपेक्षा से वें ही नही पूरा गांव व क्षेत्र आहत हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि एक तरह से यह उपेक्षा शहीद के परिजनों की ही नहीं पूरे क्षेत्र की खुली उपेक्षा है, जो कि सरासर गलत है।
इस संबंध में पूछे जाने पर अपर जिलाधिकारी अभिषेक त्रिपाठी का कहना हैं कि पूर्व में शौर्य दिवस पर जिले के सभी कारगिल शहीदों के परिजनों को जिला प्रशासन के द्वारा आमंत्रित किया जाता था। अब पिछले तीन वर्षों से इसकी जिम्मेदारी जिला सैनिक कल्याण बोर्ड को दी गई हैं। उन्होंने कहा कि शहीदों के परिजनों को समारोह में आमंत्रित नही किया जाना पूरी तरह से गलत ही नही बल्कि समारोह के औचित्य पर ही प्रश्नचिन्ह है। श्री त्रिपाठी ने कहा कि जैसे ही मामला उनके संज्ञान में आया, उन्होंने इस संबंध में एक पत्र जिला सैनिक कल्याण अधिकारी को भेज कर वस्तुस्थिति के संबंध में जानकारी मांगी है। परिजनों ने गुस्से एवं एडीएम के कड़े रुख के चलते मामले के तूल पकड़ने की संभावना बनने लगी है।