चमोली जिले के हेलंग में गोचर पनघट की भूमि पर अपने पशुओं के लिए घास काटने वाली घसियारी महिलाओं के साथ अभद्रता के संबंध में उच्च न्यायालय नैनीताल के अधिवक्ताओं द्वारा आज दिनांक 21 जुलाई को हाईकोर्ट बार एसोसिएशन सभागार में चिंतन बैठक अयोजित की गई।
बैठक में चर्चा हेतु राज्य आंदोलन से जुड़े अधिवक्ता सहित जनहित के मुद्दों पर संवेदनशील अधिवक्ताओं द्वारा हेलंग गांव के ग्रामीणों एवम महिलाओं के उपर हो रहे अत्याचार पर आक्रोश व्यक्त किया गया।
चर्चा में हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री प्रभाकर जोशी, पूर्व अध्यक्ष एम सी पंत, पूर्व अध्यक्ष सैयद नदीम मून, डी के जोशी प्रभारी विधि प्रकोष्ठ उत्तराखण्ड क्रांति दल, बी एस नेगी, नवनीश नेगी, योगेश पचोलिया, डॉ कैलाश तिवारी , भुवनेश जोशी, दुर्गा सिंह मेहता, आदि ने अपने विचार रखे।
अधिवक्ता डी के जोशी ने कहा कि समय आ गया है कि ग्रामसभाओं के अधिकारों के संरक्षण हेतु संविधान के 73 वें संशोधन को लागू करने हेतु राज्य सरकार आगे आए। अधिवक्ता एम सी पंत ने कहा कि अलग उत्तराखण्ड राज्य की अवधारणा को साकार करने के बजाय ग्रामीणों के हक- हकुल पर लगातार आए दिन सरकारों द्धारा प्रहार किया जा रहा है। अध्यक्ष हाई कोर्ट बार एसोसिएशन प्रभाकर जोशी ने कहा कि महिलाओं व ग्रामीणों के संघर्ष में हाई कोर्ट बार एसोसिएशन उनके साथ है और साथ ही यह भी कहा कि जल्द ही प्रदेश के सभी जिला बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं की संयुक्त बैठक हाई कोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा अयोजित की जाएगी जिसमें उत्तराखण्ड के विभिन्न ज्वलंत मुद्दों पर विचार विमर्श किया जायेगा।
आज की सभा में रमेश चंद्र आर्य, डी सी एस रावत, त्रिलोचन पाण्डे, बी एस कोरंगा, के के तिवारी, सूरज पांडे, गौरव कुमार, प्रेम प्रकाश भट्ट, आनंद कुमार पांडे, धीरज कुमार, आमिर मलिक, मंजु बहुगुणा, डी एन शर्मा, सिद्धार्थ नेगी, अभिषेक सती जेपी पांडे, नवीन चंद्र आर्य, भूपेंद्र सिंह बिष्ट, मनोज कुमार टिटगई, विजय रावत, नरेंद्र पपने, बी एस रावत विजय सिंह सहित दर्जनों अधिवक्ता उपस्थित रहे।
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