पैदल डोली यात्रा के साथ चल रहे हैं हजारों की संख्या में भक्त
दस मई सुबह सात बजकर पन्द्रह मिनट पर खुलेंगे बाबा केदार के कपाट
रुद्रप्रयाग – विश्व विख्यात केदारनाथ धाम की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली अपने शीतकालीन गददीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से केदारनाथ धाम के लिये रवाना हो गई है। डोली को केदारनाथ धाम रवाना करने के लिये शीतकालीन गददीस्थल में भक्तों का हुजूम उमड़ पड़ा। आज बाबा केदार की डोली अपना पहला रात्रि प्रवास विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी में करेगी।
– आज आखिरकार वह दिन आ गया, जिसका भक्त पिछले छह माह ब्रेसबी से इंतजार कर रहे थे। बाबा केदार के शीतकालीन गददीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर से बाबा केदार को केदारनाथ धाम के लिये रवाना किया गया। आज सुबह के समय बाबा केदार की चांदी की डोली को फूल-मालाओं से सजाया गया। साथ ही डोली का श्रृंगार भी किया गया। इसके बाद बाबा केदार की पांच मुख वाली चांदी की भव्य भोग मूर्ति को डोली में विराजमान किया गया। केदारनाथ के रावल भीमा शंकर लिंग ने सोने के मुकुट को इस मूर्ति को पहनाया और केदारनाथ के प्रधान पुजारी शिव शंकर लिंग को छह माह केदारनाथ में पूजा का संकल्प दिया। इसके बाद डोली की भव्य आरती उतारी गई और आरती के बाद डोली ने शीतकालीन गददीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर की परिक्रमा की। आज बाबा केदार की पैदल डोली यात्रा अपने पहले रात्रि प्रवास के लिये गुप्तकाशी पहुंचेगी। कल पैदल डोली यात्रा फाटा, आठ को गौरीकुंड में रात्रि प्रवास करेगी। नौ मई को डोली केदारनाथ पहुंचेगी और 10 मई सुबह सात बजकर 15 मिनट पर ग्रीष्मकाल के छह माह के लिये भगवान केदारनाथ के कपाट खोल दिये जाएंगे। पैदल डोली यात्रा के साथ भारी संख्या में भक्त चल रहे हैं। आर्मी की बैंड डोली यात्रा की अगुवाई कर रही है।
स्टोरी एंड
केदारनाथ के रावल भीमाशंकर लिंग ने बातया कि ग्याहरवें ज्योर्तिलिंग भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली शीतकालीन गददीस्थल से केदारनाथ के लिये रवाना हो गई है। अब दस मई सुबह बाबा केदार के कपाट आम भक्तों के लिये खोल दिये जाएंगे।