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नारायण बगड प्रधान संगठन ने बुलाई आपातकालीन बैठक

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नारायणबगड:प्रधान संगठन नारायणबगड़ ने  पंचायतों में ठेकदारी प्रथा प्रारंभ करने के खिलाफ आपातकालीन बैठक कर सरकार के इस रवैये की आलोचना की । इस अवसर पर दूसरी समस्याओं पर मुखरता से आंदोलन की रणनीति तैयार की गई।
मंगलवार को प्रधान संगठन विकास खंड नारायणबगड़ ने प्रधानों की तमाम समस्याओं से परेशान हो कर ब्लाक सभागार में एक आपातकालीन बैठक की।सभी शासन प्रशासन के प्रति सभी में आक्रोश दिखाई दे रहा था।
बैठक में वक्ताओं ने सरकार पर आरोप लगाये कि एक तरफ सरकार ने अभी राजधानी में प्रधान संघ के आंदोलन को प्रधानों की सभी समस्याओं पर सकारात्मक समाधान करने के लिए पंद्रह दिनों का समय मांगा था….लेकिन सरकार इसी समयावधि के बीच जल जीवन मिशन म़े गुपचुप तरीके से टेंडर प्रक्रिया पूरी कर रही है।जो.कि प्रधान संगठन के आंदोलन को दिए आश्वासन के साथ सरकार का वादाखिलाफी है।वहीं प्रधानों ने कहा कि मनरेगा में  मजदूरों की मजदूरी तो उनको मिल जाती है परंतु मैटेरियल और कुशल श्रमिकों का भुगतान नहीं हो पा रहा है।उसी तरह प्रधानों ने कहा कि ऑनलाइन भुगतान के लिए जारी डोंगल भी बहुत सारे प्रधानों के नही बन पाये है।जिससे उन्हें वित्त की धनराशि को ग्राम पंचायतों में सही से खर्च करने में दिक्कतों का सामना करना पड रहा हैँ।
वहीं बैठक में वक्ताओं ने विकास खंड में उत्तरी कड़ाकोट क्षेत्र के लगभग बीस ग्राम पंचायतों में पिछले 2018-19 से अभी तक मनरेगा मजदूरों का मजदूरी का भुगतान नहीं हो सका है।जिस कारण नये प्रधानों को मनरेगा में कार्य करने में दिक्कतें आ रही हैं।बताया गया है कि इस संबंध में कई बार उच्चाधिकारियों से वार्तालाप भी की गई है।हर बार अश्वासन में ही टरकाया जा रहा है।इस संबध में सहायक खंड विकास आधिकारी प्रेमसिंह रावत ने बताया कि कडाकोट क्षेंत्र के मनरेगा मजदूरों के मजदूरी के भुगतन में बडी समस्या क्षेत्र का पोस्ट आफिस का ऑनलाइन नेटवर्किंग से नहीं जुडना है।कहा कि जल्दी ही लोगों के खातों को अंयत्र पोस्ट आफिस या बैंकों में खोल दिए जायेंगे।
वहीँ प्रधान संगठन ने बैठक में निर्णय लिया है कि अगर सरकार ने उनकी समस्याओं को नजरअंदाज कर पंचायतों में हर विकास कार्यों में ठेकदारी प्रथा को थोपने का काम जारी रखा तो या तो वे सामुहिक त्यागपत्र देने को विवश होंगे या पंचायतों में विकास कार्य करने के बजाय पांच सालों तक आंदोलन ही करेंगे।इसका पूरा ठीकरा सरकार पर 2022 के आने वाले चुनावों में ही फूटेगा।प्रधानों की विभिन्न समस्याओं पर सहायक विकास अधिकारी(पंचायत)प्रेमसिंह रावत ने कहा कि प्रधानों की समस्याओं को उच्चाधिकारियों को पहुंचा दिया जायेगा।बैठक में प्रधान संगठन के अध्यक्ष मोनू सती,महेशकुमार, रीना रावत,गुड्डी नेगी, सरीता देवी,हेमादेवी,भूपेंद्र सिंह मेहरा,नरेन्द्र भंडारी,अन्नू भंडारी, फतेसिंह, मृत्युंजय परिहार, प्रेम पुरोहित,भूपेन्द्र सिंह, मोहनसिंह,बलराजदर्शन भंडारी,देवेन्द्र सिंह, धरमसिंह आदि बडी संख्या मे प्रधानगण मौजूद थे।