Home उत्तराखंड बारिस ने किया बेहाल, कही सड़क बन्द तो कहीं बिजली गुल

बारिस ने किया बेहाल, कही सड़क बन्द तो कहीं बिजली गुल

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चमोली: पिछले 3 दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश से जन जीवन अस्त ब्यस्त हो गया है ऐसे में जहां प्रशासन की ओर से यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रोका गया। जगह जगह पर सड़क बन्द हो गयी,8लगातार 40 घंटे से अधिक समय तक बारिश लगातार जारी है। बदरीनाथ , रुद्रनाथ / हेमकुंड साहिब , नन्दाघुंघटी समेत ऊंची पहाड़ियों पर लगातार हिमपात हो जारी है । बदरीनाथ यात्रा रूट पर हाइवे बाधित होने पर टंगणी आदि स्थानों पर रुके यात्रियों के सामने भोजं आदि की समस्या आने से जानकारी मिलने पर स्थानीय प्रशासन ने यात्रियों को भोजन की ब्यवस्था करायी है । जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी एं के जोशी ने बताया पीपलकोटी के समीप टंगणी के निकट हाइवे बाधित होने पर यात्रियों को भोजन आदि की ब्यवस्था के लिये दुकानें खुलवा कर भोजन की ब्यवस्था की गई है । इसी तरह बदरीनाथ से वापस आ रहे यात्रियों को हनुमान चट्टी में पुलिस ने मंदिर और चौकी में रुका कर भोजन और रहने की ब्यवस्था की है ।
मंगलवार को भी जिले में लगातार वर्षा जारी रही । तापमान लुढ़कने और वर्षा के कारण यात्री ही नहीं स्थानीय लोग भी प्रभावित हैं । लोग घरों में दुबके हैं। यात्री होटलों , लाज . धर्मशालाओं में अटके है ।

बारिश से अलकनंदा, पिंडर और नंदाकिनी उफान पर बह रही हैं। चमोली तहसील में 101.2 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई है, जबकि जोशीमठ में 185.6 मिमी, कर्णप्रयाग में 134 मिमी, पोखरी में 108 मिमी, गैरसैंण में 116 मिमी, थराली में 100 मिमी और घाट तहसील में 123 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई है। अभी भी जनपद में बारिश जारी है। नंदप्रयाग-घाट मोटर मार्ग भी सैतोली और सेरा गांव के समीप मलबा और बोल्डर आने से अवरूद्घ हो गया है। बदरीनाथ हाइवे पर मारवाड़ी में एक कंपनी के मजदूरों के घर में मलबा आने से चार मजदूर घायल हुए हैं। लोनिवि की 17 सड़कें बंद हैं। कर्णप्रयाग से बदरीनाथ तक 10 जगहों पर बंद है।

कर्णप्रयाग-गैरसैंण, कर्णप्रयाग-थराली, जोशीमठ-मलारी भी बंद हैं। 66 केवी विद्युत लाइन में फाल्ट आने से चमोली जनपद में मंगलवार दिन णक विद्युत आपूर्ति बाधित रही । जनपद में अलकनंदा 555. मीटर पर बह रही है, जबकि खतरे का निशान 557.42 मीटर है। नंदाकिनी 868.25 मीटर पर बह रही है, जबकि खतरे का निशान 871.50 मीटर है। उधर पिंडर नदी 771.40 मीटर पर बह रही है, जबकि खतरे का निशान 773 मीटर है